2000 से मुम्बई में डेरा डाले बैठे नवाजुद्दीन सिद्दीकी को पहला देखे जाने लायक रोल मिला तो फिल्म ब्लैक फ्राइडे में. मगर उनका चेहरा पहचानने वाले बहुत नहीं थे. फिल्म कहानी से ऑडियंस के बीच पहचान पाने वाले नवाजुद्दीन के पास एक्टिंग टैलेंट का जखीरा था मगर काम नहीं. वजह? नवाज के शब्दों में ‘5 फुट 6 इंच की हाइट और साधारण चेहरा. बॉलीवुड को छह फुटे हैंडसम हीरो की तलाश रहती है, फिर रोल कैसा भी हो.’ मगर अब जैसे नवाज फ्लो में आ गए हैं. उनके पास फिलहाल करीब 10 फिल्में हैं जिनमें से कई एक साल के भीतर रिलीज हो सकती हैं.
इरफान अपना लोहा पहले ही मनवा चुके हैं और बॉलीवुड के बड़े से बड़े स्टार को पीछे छोडक़र, इंटरनेशनल एक्टर बनने की राह पर हैं. 10-12 साल पीछे देखें तो सत्या में भीखू म्हात्रे के रोल से नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले मनोज बाजपेई टैलेंटेड होने के बाद भी बिना काम के सालों बैठे रहे. स्ट्रगल का ये फेज नवाजुद्दीन और इरफान ने भी देखा, और सीनियर एक्टर्स में नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी और नाना पाटेकर जैसे एक्टिंग के लिए जाने जाने वाले एक्टर्स ने भी. 80ह्य और 90ह्य ने जैसे टैलेंट पर दिखावे को हावी कर दिया. नसीर और ओम पुरी के बाद मनोज बाजपेई जैसे एक्टर आए तो, लेकिन क्वॉलिटी काम ना होने की वजह से घर पर बैठ गए. इरफान को बॉलीवुड में काम नहीं मिला, बल्कि अपने इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स की बदौलत यहां फिल्में मिलनी शुरू हुईं. रीसेंटली पीपली लाइव और गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसे फिल्मों के एक्टर बता रहे हैं कि एक्टिंग की डायनामिक्स लुक्स से आगे निकल चुकी है. ग्लैमर हॉट है, लेकिन एक्टिंग के लिए जाने जाने वाले एक्टर्स को पैरेलल सिनेमा तक सिमटने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
Naseeruddin Shah
1985 में वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नसीर की फिल्म पार देखने के बाद डस्टिन हॉफमैन उनसे इतने इम्प्रेस हुए कि उन्होंने नसीर को दुनिया के 10 सबसे टैलेंटेड एक्टर्स में से एक बताया. बॉलीवुड में नसीरुद्दीन को ये रुतबा कभी नहीं मिला. बेजोड़ परफॅर्मेंस ने उन्हें एक एलीट सेक्शन के बीच फेवरिट तो बनाया, लेकिन अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना जैसों सी पॉपुलैरिटी उन्हें नहीं मिली. नसीर ने खुद एक इंटरव्यू में ये बात कही.
Om Puri
नसीरुद्दीन की तरह, जानी-मानी थिएटर पर्सनैलिटी ओम पुरी को मीनिंगफुल फिल्मों में काम तो मिला, लेकिन ग्लैमर की चमक-दमक के आगे, कमर्शियल स्टार्स सी रिकग्निशन नहीं मिली. ना ही टॉप स्टार्स सा पैसा.
Manoj Bajpai
इंटेंस, नॉन-कॉमर्शियल एक्टर्स की मौजदूा ब्रीड के हीरो मनोज बाजपेई के मुताबिक एक्सपेरिमेंटल एक्टर्स के लिहाज से बॉलीवुड का मौजूदा दौर सबसे बेहतरीन है. नाइन्टीज में बेजोड़ एक्टिंग परफॉर्मेंस देने के बाद भी गुड लुकिंग, ग्लैम कोशेंट एक्टर्स की तलाश में जुटे बॉलीवुड में उन्हें काम के मौके नहीं मिले. काम मिला भी तो फीस कॉमर्शियल स्टार्स से बेहद कम.
Irrfan
बोलती आंखों वाले इरफान ने हासिल और मकबूल में अपना बिग ब्रेक पाने से पहले सालों बॉलीवुड में रोल मिलने का इंतजार किया. सीरियल किए, कुछेक इंटरनेशनल फिल्मों में काम भी मिला. नहीं मिलीं तो बॉलीवुड फिल्में. हासिल मिलने से पहले इरफान वापसी का प्लान बना रहे थे. आज वह हिंदुस्तान के सबसे टैलेंटेड एक्टर्स में से एक हैं.
Nawazuddin Siddiqui
कहानी से पहचान बनाने वाले नवाजुद्दीन को क्या आपने पहले कभी देखा है? बिल्कुल देखा होगा, 90ह्य में आमिर की फिल्म सरफरोश, अनुराग कश्यप की ब्लैक फ्राइडे जैसी फिल्मों में. बस नवाज का चेहरा 15-16 साल की स्ट्रगल के बाद अब पहचाना जाना शुरू हुआ है. अब नवाज को मिल रही सक्सेस उनके जैसे कितने ही एक्टर्स के लिए दरवाजे खोल रही है.
...because she is the entertainment
खाते में परिणीता जैसी सुपरहिट, एक्टिंग के लिए क्रिटिक्स की तारीफें, फिर भी इंडियन सिनेमा ने जैसे विद्या को अपने रंग दिखाने से पहले ही खारिज कर दिया. वजह? देसी लुक्स, कर्वी बॉडी और वेस्टर्न आउटफिट ना कैरी कर पाना. खुलेआम ड्रेसिंग सेंस को लेकर क्रिटिसाइज किए जाने को बाद भी इश्किया आई. विशाल भारद्वाज ने उन पर यकीन किया और बस जैसे एक्ट्रेस के लिए एक्टिंग के पैरामीटर बदल गए. इश्किया, नो वन किल्ड जेसिका, डर्टी पिक्चर, कहानी... एक के बाद एक, किसी औरत को सेंट्रल थीम में लेकर इतनी फिल्में कभी नहीं बनी थीं. 70ह्य में कुछ ऐसा ही क्रिटिसिज्म मिला था रेखा को जिन्होंने अपना मेकओवर कर लिया. मगर विद्या ने अपना मेकओवर करने की जगह अपने खांचे में रहते हुए एक्सपेरिमेंट करने का फैसला लिया. विद्या की सक्सेस ने माही गिल, हुमा कुरैशी जैसी अनकंवेंशनल दिखने वाली एक्ट्रेस के एक्सेप्टेंस का रास्ता भी खोला है.