-मेडिकल सर्विसेज रहा ठप, गवर्नमेंट और प्राइवेट डॉक्टर्स रहे हड़ताल पर

-आईएमए और झासा की ओर से की गई हड़ताल

-डॉक्टर्स ने निकाला प्रोटेस्ट मार्च

-ओपीडी सेवा बंद रहने से मरीजों को हुई परेशानी

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JAMSHEDPUR: गुमला के डॉ रामबचन चौधरी के अपहरण और हत्या के विरोध में बुधवार को जमशेदपुर के डॉक्टर्स हड़ताल पर रहे. इस दौरान ओपीडी सेवाएं बंद रहीं. गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स में जहां ओपीडी पूरी तरह बंद रही, वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल्स में भी कुछ देर तक ओपीडी को बंद रखा गया. इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दूर-दूर से आए मरीजों को ओपीडी बंद होने की वजह से बिना इलाज कराए वापस लौटना पड़ा.

लटका था ताला

बागबेड़ा की रहने वाली चंदा तिवारी अपनी 9 वर्षीय बेटी प्रिया को रैबिज का इंजेक्शन दिलवाने के लिए एमजीएम हॉस्पिटल पहुंची, लेकिन इंजेक्शन रूम में ताला लगा हुआ था. कुछ देर तक इंतजार करने के बाद उन्हें हॉस्पिटल के कर्मचारियों से पता चला कि डॉक्टर्स बुधवार को भी हड़ताल पर हैं. परेशान होकर आखिर उन्हें घर लौटना पड़ा. कुछ ऐसी ही परेशानी हॉस्पिटल में दूर-दूर से आने वाले सैकड़ों मरीजों को झेलनी पड़ी. एमजीएम हॉस्पिटल में हर रोज करीब 8 सौ मरीज आते हैं पर बुधवार को डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से यहां आए मरीजों को वापस लौटना पड़ा.

गवर्नमेंट हेल्थ सेंटर्स में बंद रही ओपीडी

एमजीएम हॉस्पिटल के ओपीडी के साथ-साथ, प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी), कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) और हेल्थ सब-सेंटर में भी स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं. उधर, प्राइवेट हॉस्पिटल और नर्सिग होम भी कुछ देर के लिए ओपीडी सर्विस बंद रही. इस वजह से मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा. हालांकि, इमरजेंसी सेवा बहाल होने के कारण गंभीर मरीजों को भर्ती लिया जा रहा था.

डॉक्टर्स ने निकाला प्रोटेस्ट मार्च

इस घटना के विरोध में डॉक्टर्स ने एमजीएम हॉस्पिटल से डीसी ऑफिस तक प्रोटेस्ट मार्च निकाला. इसमें सीनियर डॉक्टर्स के साथ-साथ जूनियर डॉक्टर्स भी शामिल थे. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), झारखंड हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन (झासा), एमजीएम टीचर्स एसोसिएशन, आइएमए वीमेन डॉक्टर्स विंग, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और इंडियन डेंटिस्ट एसोसिएशन के तत्वाधान में दोपहर में निकाली गई रैली में सैकड़ों डॉक्टर्स ने शामिल होकर विरोध प्रकट किया. इस अवसर पर आईएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. उमेश खां, संयुक्त सचिव डॉ. अशोक कुमार, आईएमए के अध्यक्ष डॉ. आरपी ठाकुर, एमजीएम अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट डॉ. आरवाई चौधरी, झासा के अध्यक्ष डॉ. एसके चौधरी, सचिव डॉ. साहिर पॉल, एमजीएम टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. एसी अखौरी, आइएमए वीमेन डॉक्टर्स विंग के अध्यक्ष डॉ. वनिता सहाय, इंडियन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मोहन कुमार, डॉ. केके चौधरी, डॉ. केपी दूबे, डॉ. अजय मिश्रा, डॉ. सौरव चौधरी, डॉ. संतोष गुप्ता, डॉ. एएन झा, डॉ. अरूण कुमार, अभिषेक मुंडू, डॉ. मतीन अहमद खान सहित सैकड़ों डॉक्टर श्ामिल थे.

इमरजेंसी में बढ़े मरीज

इस हड़ताल से इमरजेंसी सेवा को अलग रखा गया था. ऐसे में ओपीडी बंद होने के कारण इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की अचानक भीड़ बढ़ गई. इस वजह से डॉक्टर्स रूम के आगे मरीजों की लंबी कतार लग गई. वहीं नर्स व हेल्थ वर्कर्स को भी काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा. एमजीएम हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि आम दिनों की तुलना में करीब ख्0 परसेंट ज्यादा मरीज आए. मरीजों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए डॉ. केके अय्यर, डॉ. ओपी श्रीवास्तव, डॉ. मोहित सहित अन्य डॉक्टर तैनात रहे.

गुमला के डॉ आरबी चौधरी के अपहरण और हत्या की घटना काफी दुखद है. उनके परिजनों को कम्पनसेशन मिलना चाहिए, साथ ही इस तरह की घटना फिर से नहीं हो इसका इंतजाम किया जाना चाहिए. इस घटना के विरोध में टीएमएच के ओपीडी को भी आधे घंटे के लिए बंद रखा गया.

-डॉ आरपी ठाकुर, प्रेसिडेंट, आईएमए जमशेदपुर

डॉक्टर के अपहरण और हत्या की घटना से डॉक्टर्स में रोष के साथ-साथ भय का माहौल है. डॉक्टर्स के साथ मारपीट और दु‌र्व्यवहार की घटनाएं आए दिन होती हैं. अगर इस तरह की घटनाओं पर रोक नहीं लगी तो डॉक्टर्स के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा.

-डॉ केके चौधरी, शिशु रोग विशेषज्ञ, एमजीएम हॉस्पिटल

इस घटना से डॉक्टर्स में भय का माहौल है. इस मामले में जल्दी से जल्दी कार्रवाई के साथ-साथ डॉक्टर्स की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए.

-डॉ बलराम झा, फिजीशियन, एमजीएम हॉस्पिटल

मैं बागबेड़ा से अपनी बेटी को रैबिज का इंजेक्शन दिलवाने आई थी, लेकिन एमजीएम हॉस्पिटल में ओपीडी बंद था. इसकी वजह से काफी परेशानी हुई.

-चंदा तिवारी, बागबेड़ा

मैं इलाज के लिए एमजीएम हॉस्पिटल आया था. यहां आने पर हड़ताल के बारे में पता चला. हॉस्पिटल में ओपीडी बंद था. इस वजह से काफी परेशानी हुई.

-मिथिलेश कुमार, मानगो