- केवल ग‌र्ल्स ही नहीं, ब्वॉयज व को-एजूकेशन इंटर कॉलेजेस में भी लगाए जा रहे बॉक्स

- सभी को मिलेगा सेक्सुअल प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन, डीआईओएस ने भेजा कॉलेजेस को लेटर

<- केवल ग‌र्ल्स ही नहीं, ब्वॉयज व को-एजूकेशन इंटर कॉलेजेस में भी लगाए जा रहे बॉक्स

- सभी को मिलेगा सेक्सुअल प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन, डीआईओएस ने भेजा कॉलेजेस को लेटर

ALLAHABAD : allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD : क्या सेक्सुअल क्वेरीज केवल ग‌र्ल्स को ही होती हैं, ब्वॉयज टीन एजर्स ऐसी प्रॉब्लम्स से नहीं गुजरते। ऐसा नहीं है, उम्र के इस पड़ाव में दोनों को इंटरनल सवालों के जवाब की दरकार होती है लेकिन बताने वाला कोई नहीं होता। ऐसे में हेल्थ डिपार्टमेंट ने अपनी ड्रॉप बॉक्स योजना में अब ग‌र्ल्स के अलावा ब्वॉयज को भी शामिल कर लिया है। अब ये बॉक्स केवल ग‌र्ल्स ही नहीं, ब्वॉयज व को-एजूकेशन वाले इंटर कॉलेजेस में भी लगाए जा रहे हैं।

शुरू हो गया प्रॉसेस

कॉलेजेस में ड्रॉप बॉक्स लगाए जाने का प्रॉसेस शुरू हो गया है। हेल्थ डिपार्टमेंट ने यह जिम्मेदारी संस्था ममता को सौंपी है। इस संस्था को सिटी के दस कॉलेजेस में बॉक्स लगाने हैं। इसके लिए कॉलेजेस का सेलेक्शन भी कर लिया गया है और इस संबंध में एक लेटर डीआईओएस को काफी पहले भेजा जा चुका है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने इस लेटर को संबंधित कॉलेजेस में भी फॉरवर्ड कर दिया है। उम्मीद है कि बोर्ड एग्जाम्स से पहले ही सभी जगह ड्रॉप बॉक्स लग जाएंगे।

क्यों शामिल किया गया ब्वॉयज को

संस्था से जुड़ी डॉ। प्रीति कहती हैं कि शुरुआत में यह योजना केवल ग‌र्ल्स इंटर कॉलेजेस में ही चलाई जानी थी। जिसका मकसद था टीन एज ग‌र्ल्स की सेक्सुअल और इंटरनल क्वेरीज को सीक्रेसी के साथ शार्ट आउट करना। बकायदा डॉक्टर्स की टीम हर क्भ् से फ्0 दिन में इन ड्रॉप बॉक्स में पड़ी क्वेरीज का जवाब कॉलेज में ही जाकर देती। बाद में यह सोचा गया कि आखिर टीन एज ब्वॉयज को भी ऐसी प्रॉब्लम्स से गुजरना पड़ता है। वह भी संकोच के चलते अपनी बात फैमिली या दोस्तों के सामने नहीं रख पाते हैं, ऐसे में उनको हेल्प की सख्त जरूरत है। यही रीजन है कि हमने सिटी के ग‌र्ल्स, ब्वॉयज सहित को-एजूकेशन कॉलेजेस को भी चूज किया है। ताकि, सभी को बराबर से बेनिफिट दिया जा सके। बाद में कॉलेजेस की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी।

-इस योजना में ग‌र्ल्स के साथ टीन एज ब्वॉयज को भी शामिल कर लिया गया है। प्रॉसेस शुरू हो गई है और डीआईओएस के जरिए लेटर्स को कॉलेजेस में भिजवा दिया गया है। जल्द ही यहां बॉक्स लगा दिए जाएंगे।

डॉ। आभा श्रीवास्तव, एडिशनल डायरेक्टर, हेल्थ डिपार्टमेंट