- दो साल पहले सी-टेक टैबलेट का मैनपुरी के मेडिकल स्टोर से लिया था सैंपल

- लखनऊ और कोलकाता लैबों में फेल हुई कंपनी की एंटी एलर्जिक दवा

Meerut : मेरठ की एक दवा कंपनी की एंटी एलर्जी टैबलेट लैब की जांच में फेल हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार दवा में वो सभी तत्व गायब हैं, जिसका जिक्र रैपर पर किया गया था। अब दवा कंपनी पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है। आपको बता दें कि पहले भी मेरठ की कई कंपनियों की दवा नकली मिल चुकी है।

दो साल पहले का मामला

मैनपुरी में तत्कालीन औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने सितंबर 2013 को शहर के देवी रोड स्थित अमित मेडिकल स्टोर से पर्क सी-टेक टैबलेट का नमूना लिया था। दवा पर्क फार्मास्युटिकल लिमिटेड मेरठ की बनी है। इस एंटी एलर्जिक दवा की जांच जुलाई 2014 में लखनऊ के राजकीय जनविश्लेषक लैब में हुई थी। टैबलेट में सिट्रीजिन डाई हाइड्रोक्लोराइड की क्वांटिटी डेढ़ एमजी पाई गई। ताज्जुब की बात तो ये है कि कंपनी में अपनी इस दवा के रैपर में दस एमजी लिखा था।

कोलकाता में दोबारा हुआ जांच

मेरठ के औषधि डिपार्टमेंट के अधिकारियों की मानें तो जांच रिपोर्ट के बाद कंपनी ने बाद में आगरा कोर्ट से दूसरी लैब में एक बार फिर से जांच मांग करने पर कोर्ट ने कोलकाता की लैब में दोबारा जांच करने के आदेश दे दिए। जहां टैबलेट में सिट्रीजिन डाई हाइड्रोक्लोराइड की मात्रा जीरो पाई गई। दोनों लैबों में जांच में फेल होने के बाद दवा को पूरी तरह से नकली करार कर दिया है। विभाग दवा कंपनी के डायरेक्टर पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है।

नकली दवाओं का हब

अधिकारियों की मानें तो मेरठ अब नकली दवाओं का हब बनता जा रहा है, जिले के 19 नमूने जांच के लिए लैब में लंबित पड़े हुए हैं। उम्मीद की जा रही है कि इनकी रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले मेरठ के 80 नमूनों में से 20 दवा नकली साबित हो चुकी है। जबकि इससे ज्यादा मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं। यह मेरठ और आसपास के लोगों के लिए काफी चिंता का विषय है।

दो साल पहले का मामला है। कंपनी की दवा को पहले लखनऊ और फिर कोलकाता में जांच कराया गया। दोनों ही लैब में रिपोर्ट दवा फेल हो गई। कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

- मुकेश पालीवाल, ड्रग इंस्पेक्टर, ड्रग डिपार्टमेंट