कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Eid ul Fitr 2023 : ईद-उल-फितर इस्लाम धर्म के बड़े त्योहारों में से एक व रमजान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। यह भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। ईद-उल-फितर पर, मुस्लिम समुदाय के लोग विशेष प्रार्थना करने के लिए मस्जिदों या खुले स्थानों में इकट्ठा होते हैं। इसे ईद की नमाज के रूप में जाना जाता है। यह दिन उत्सव मनाने के साथ, दान देने, क्षमा करने व मेल-मिलाप का होता है। ईद-उल-फितर की तारीख हर साल बदलती रहती है क्योंकि यह चंद्रमा के देखे जाने पर आधारित होती है। इस त्योहार की सटीक तारीख अर्धचंद्र के दर्शन से तय होती है। इसलिए लोगों को चांद दिखने का बेसब्री से इंतजार रहता है। माना जा रहा है कि भारत में शुक्रवार को चांद दिखने पर 22 अप्रैल शनिवार को ईद-उल-फितर मनाई जाएगी। देश की राजधानी दिल्ली में चांद शाम 06:26 बजे निकलने का अनुमान है।

अमन और चैन की खुदा से दुआं मांगते
कई देश ईद को उसी तारीख को मनाते हैं जिस दिन सऊदी अरब में मनाई जाती है। हालांकि भारत में ईद उल फितर सऊदी अरब में चांद दर्शन देखे जाने के दूसरे दिन मनाया जाता है। भारत में चांद का दर्शन रूयत-ए-हिलाल समिति द्वारा एनाउंस किया जाता है। ईद-उल-फितर के दिन लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन दान आदि का विशेष महत्व है। जकात उल-फितर (ईद का दान) रमजान माह के अन्त में ईद की नमाज से पहले दिया जाता है। मुस्लिमों द्वारा जकात के नाम से अपनी आय के कुछ हिस्सा गरीबों की मदद के रूप में दान करते हैं। वहीं इस दिन सेवइयों के अलावा खीर, फिरनी, हलवा, गुलाब जामुन जैसे विभिन्न पकवान आदि तैयार होते हैं। लोग गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे से गले मिलकर अमन और चैन की खुदा से दुआं मांगते हैं।

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