- चुनाव आयोग के साथ बैठक में राजनीतिक दलों ने सौंपे अपने सुझाव

- ईवीएम की बजाए बैलेट से चुनाव कराने की भी उठी मांग, निजी एजेंडे भी आए सामने

रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव से पूर्व चुनाव आयोग के अधिकारियों ने राज्य के विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ गुरुवार को रांची में अहम बैठक की। राजनीतिक दलों ने उप निर्वाचन आयुक्त सुदीप जैन, संदीप सक्सेना व चंद्र भूषण कुमार के साथ बैठक के क्रम में आयोग को निष्पक्ष चुनाव कराने के बाबत अपने सुझाव भी दिए। इस दौरान राजनीतिक दलों के निजी एजेंडे भी सामने आए।

हरियाणा की तर्ज पर हो

ज्यादातर विपक्षी दलों ने महाराष्ट्र और हरियाणा की तर्ज पर झारखंड में भी एक ही चरण में चुनाव कराने की बात कही और इस पक्ष में अपने तर्क भी प्रस्तुत किए। वहीं, सत्ताधारी दल भाजपा ने राज्य की भौगोलिक स्थिति का हवाला देते हुए पांच चरणों में चुनाव कराने का सुझाव दिया। झारखंड में 2014 में भी पांच चरणों में विधानसभा चुनाव कराए गए थे। हालांकि भाजपा के सहयोगी दल आजसू ने भी एक ही चरण में चुनाव कराए जाने की बात कही। ईवीएम के बजाए बैलेट से चुनाव कराने का मामला भी उठा। हालांकि, इस राय से सभी दल सहमत नजर नहीं आए।

आज सभी डीसी व एसपी के साथ मीटिंग

राजनीतिक दलों से मुलाकात के बाद टीम ने मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, आयकर विभाग, वाणिज्यकर विभाग, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, रेलवे, बैंकों आदि के साथ भी बैठक की। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे तथा राज्य पुलिस नोडल पदाधिकारी मुरारी लाल मीणा से भी टीम ने काफी देर तक चर्चा की। टीम शुक्रवार को सभी जिलों के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों से चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर रिपोर्ट लेगी। इस दौरान संबंधित आयुक्त एवं आइजी भी मौजूद रहेंगे। आयोग की ओर से गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाजवादी पार्टी, भाजपा, सीपीआइ, सीपीएम, कांग्रेस, एनसीपी, नेशनल पीपुल्स पार्टी, आजसू, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। सभी दलों को अपनी बात रखने के लिए छह-छह मिनट का समय दिया गया।