बीसीसीआई हर कदम पर हारे हुए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ खड़ी है. लगातार हार के बाद भी जिस तरह से धोनी का रवैया है उसे देखकर लग रहा है कि धोनी के दिमाग में यह बात आ गई है कि अब उनकी कैप्टेंसी का कोई ऑप्शन नहीं है. जिस वजह से कैप्टन धोनी खुद को टीम का बिग बॉस समझने लगे हैं.

गलती तो पिच की है धोनी की नहीं

जब मुंबई में टीम को हार मिली तो धोनी ने कहा कि उन्हें कोलकाता टेस्ट में ऐसी विकेट चाहिए जो पहले दिन से ही टर्न लेना शुरू कर दे. इस डिमांड को लेकर उनका ईडन गार्डन के चीफ क्यूरेटर प्रबीर मुखर्जी से भी विवाद रहा. आखिर में धोनी को जो पिच मिली उस पर इंग्िलश बॉलरों ने टीम इंडिया की बैटिंग लाइनअप की धज्जियां उड़ा दीं. फिर इंग्िलश बैट्समैन इंडियन बॉलिंग पर हावी हो गए. इस हार के बाद बीसीसीआई ने बयान दिया कि यह पिच वनडे के लिए सही थी टेस्ट के लिए नहीं. यानिकि बीसीसीआई को लगता है कि कोलकाता हार के लिए धोनी जिम्मेदार नहीं हैं बल्िक पिच जिम्मेदार है.

विदेशों के बाद घर में भी हार

पहले जब टीम इंडिया विदेशी पिचों पर पर हारती थी तो कहते थे कि फास्ट पिचों पर टीम की बैटिंग नहीं चल पाई. अभी तक हम लोग घर के शेर कहलाते थे. मगर अब यह तमगा भी हमसे छीन लिया गया. इंग्लैंड ने हमारे घर आकर हमें लगातार दो टेस्ट मैचों में हराया है. पहले इंग्लैंड ने टीम इंडिया को अपनी होम पिचों पर 0-4 से मात दी. इसके बाद उम्मीद थी कि होम सीरीज में टीम इंडिया इंग्लैंड को 4-0 से हराकर इंग्लैंड से बदला लेंगे. मगर बदला तो दूर यहां टीम इंडिया ही सीरीज हार के कगार पर खड़ी है. इंग्लैंड से हारने के बाद टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया से भी 0-4 से हार गई थी.

हार के बाद बेफिक्र धोनी

एक तरफ टीम इंडिया को लगातार हार मिल रही है तो दूसरी तरफ धोनी ऐसे बयान दे रहे हैं जिससे यह लगता है कि उनपर हार का काई फर्क नहीं पड़ता है. कोलकाता में मिली हार के बाद भी धोनी ने कहा कि वे टीम की कप्तानी नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने टीम की हार के लिए खराब बैटिंग को जिम्मेदार ठहराया है.

धोनी के विकल्पों में भी नहीं दम

काफी लंबे समय से धोनी की कप्तानी का विकल्प खोजने पर चर्चा चल रही है. पहले वीरेंद्र सहवाग को टेस्ट टीम की कप्तानी सौंपने की बात चल रही थी. मगर उनकी खराब फार्म ने उन्हें लगभग इस होड़ से बाहर कर दिया है. सहवाग के ओपनिंग पार्टनर गौतम गंभीर को भी टेस्ट टीम की कैप्टेंसी देने की बात उठी थी. मगर अब गंभीर टीम में अपनी जगह को लेकर ही स्ट्रगल कर रहे हैं तो उन्हें कैप्टेंसी कैसे दी जा सकती है. इस सीरीज से पहले कोहली को उभरते कप्तान के तौर पर देखा जा रहा था मगर इस सीरीज में वे बैट से पूरी तरह नाकाम रहे हैं. जिस वजह से इस समय टीम में कोई भी धोनी का विकल्प नहीं लगता है.

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