निजी आवास पर नोटिस चस्पाई गई

इस क्रम में नेपाली नगर स्थित 5440 स्क्वायर फीट के दो प्लॉट और बेद नगर स्थित उनके निजी आवास पर नोटिस चस्पाया गया। नेपाली नगर के दोनों प्लॉट पर बाउंड्री किया हुआ है। इसके साथ ही दोनों प्लॉट के बीच में दो कमरे का निर्माण किया गया है।

शाम चार बजे से शुरू हुई कार्रवाई

अपर समाहर्ता सुरेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में गई जिला प्रशासन की टीम ने शाम चार बजे से जब्ती की कार्रवाई शुरू की। उन्होंने ने बताया कि वेद नगर के उनके निजी आवास की कीमत 39.53 लाख रुपए आंकी गई है। ये दोनों प्लॉट वर्ष 1987 और 1991 में खरीदे गए थे। इसके अलावा नेपाली नगर के जमीन की कीमत तत्कालीन समय के अनुसार 38 हजार रुपए आंकी गई है।

जब्त सामान का पूरा ब्योरा बनाएगी

अपर समाहर्ता ने बताया कि वेदनगर के जिस प्लॉट पर नारायण मिश्रा  रह रहे हैं, उसे गुरुवार को खाली करवाया जाएगा। यदि श्री मिश्रा ने विरोध किया, तो उनकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। जिला प्रशासन उनके आवास से जब्त सामान का पूरा ब्योरा बनाएगी। इसके लिए सुबह से ही जब्ती की कार्रवाई शुरू होगी।

जब्ती की नोटिस चिपकाई, फिर मांगी माफी

एक्स डीजीपी नारायण मिश्रा की संपत्ति जब्त करने गई जिला प्रशासन को अपनी गलत कार्रवाई के लिए माफी भी मांगनी पड़ी। वाकया उस समय हुआ, जब नारायण मिश्रा द्वारा वर्ष 2008 बेच दिए गए फ्लैट पर जिला प्रशासन ने नोटिस चस्पा दिया। ज्ञात हो कि वर्ष 2008 में रूपसपुर स्थित पवन विला अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर-204 को बेच दिया था। बैंक कर्मी सुरेश कुमार ने यह फ्लैट खरीदा था। जब जिला प्रशासन की टीम उक्त फ्लैट को सील करने गई, तब मौके पर मौजूद बैंककर्मी की वाईफ किरण ने इसका विरोध किया। जिला प्रशासन को लगा कि यह नारायण मिश्रा की एक सोची-समझी चाल है। महिला के विरोध के बावजूद जिला प्रशासन ने नोटिस चस्पा दिया। इसके बाद जब प्रशासन उनके निजी आवास पर जब्ती करने पहुंची और उनकी संपत्ति के कागजात खंगाले, तब प्रशासन को अपनी गलती का अहसास हुआ। इसके बाद अपर समाहर्ता के साथ टीम ने पवन विला अपार्टमेंट के उक्त फ्लैट से नोटिस हटाया और महिला से माफी मांगी।