- यूपीटीयू के पेपर लीक के दोषी ने एग्जाम कंट्रोलर को भेजा आत्महत्या करने का लेटर

- प्रो। माथुर ने कहा, एग्जाम कंट्रोलर ने अपने करीबी को बचाने के लिए मुझे फंसाया है

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) में बीते 31 मई को हुए सेमेस्टर पेपर लीक मामले में एक नया मोड़ आ गया है। मामले की जांच में पेपर लीक कराने के लिए पाए गए मुख्य आरोपी और सूर्या स्कूल और प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग मैनेजमेंट के फैकेल्टी डॉ। पीके माथुर ने लेटर लिखकर आत्महत्या करने की धमकी दी है। डॉ। माथुर ने यूपीटीयू के एग्जाम कंट्रोलर प्रो। बीएन मिश्रा के नाम लेटर लिखा है। लेटर पर प्रो। माथुर ने कहा है कि उन्हें पेपर लीक मामले में जान-बूझकर फंसाया जा रहा है। जिसे मानसिक रूप से पीड़ा हो रही है। अगर मैं आत्महत्या करता हूं तो इसके लिए प्रो। बीएन मिश्रा जिम्मेदार होंगे। डॉ। माथुर यूपीटीयू के सेमेस्टर एग्जाम में आजाद इंजीनियरिंग कॉलेज में बने सेंटर के ग्रुप लीडर थे। उन्हीं के निगरानी में रखे गए पेपर का बंडल गायब हुआ था।

डॉ। माथुर की निगरानी में रखे पेपर हुए थे गायब

डॉ़ पीके माथुर ने पांच जून को प्रो़ बीएन मिश्र को लेटर लिखा है। जबकि इसकी कॉपी वाइस चांसलर, डीआईजी व एसएसपी लखनऊ को भेजी गई है। लेटर में डॉ। माथुर ने कहा है कि उन्हें इस पूरे प्रकरण में फंसाया गया है। वह पिछले दस साल से यूपीटीयू की एग्जाम करवाते आ रहे हैं। इसके पहले उनके काम पर कभी किसी ने सवाल नहीं उठाया है, जबकि 31 मई को बीटेक सेकेंड सेमेस्टर के पेपर लीक के प्रकरण में उन्हें फंसा दिया गया है। लेटर में डॉ। माथुर ने लिखा है कि मेरे खिलाफ गलत आरोप लगाने से मानसिक स्थिति गड़बड़ हो सकती है। मैं आत्महत्या करता हूं तो इसके लिए सिर्फ प्रो। बीएन मिश्रा ही जिम्मेदार होंगे।

प्रो। मिश्रा पर भी उठाएं कई सवाल

डॉ़ माथुर ने लेटर में प्रो। बीएन मिश्रा और जांच कमेटी पर भी सवाल उठाएं हैं। डॉ। माथुर का कहना है कि पर्चा लीक मामले में प्रो। बीएन मिश्रा का जानने वाला फंस रहा होगा इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है। जांच कमेटी बिना जांच के ही उन्हें दोषी ठहरा दिया है। यूपीटीयू में क्वेश्चन पेपर के बक्से व पैकेट का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। डॉ। माथुर ने धमकी दी है कि जल्द ही वे मीडिया के माध्यम से बड़ा खुलासा करने वाले हैं। इस बारे में प्रो़ बीएन मिश्र ने बताया कि डा़ॅ माथुर का लेटर मंडे को मिला था। इस मामले की जांच तीन सदस्यीय कमेटी कर रही है। पर्चा लीक मामले की जांच के लिए पुलिस में भी एफआईआर दर्ज करा दी गई है। ऐसे में यह लेटर कुलसचिव को भेज दिया गया ताकि वह पुलिस को इस मामले के बारे में अवगत करा सके।

लेटर प्राप्त हुआ था, इसके बाद इसे जांच कमेटी के हेड प्रो। विद्यार्थी व रजिस्ट्रार को भेज दिया गया है। रजिस्ट्रार के माध्यम से यह लेटर पुलिस को भी भेजा गया है।

- प्रो। बीएन मिश्रा,

एडमिशन को-ऑर्डिनेटर, यूपीटीयू