जाओ जी माफ किया
अक्सर किसी मुद्दे पर झगड़ा होने के बाद जब आप अपने दिल की सारी भड़ास निकाल लेते ळैं तो फिर एक दूसरे को माफ करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि कभी-कभार आपके गुस्से का इजहार हो जाए। एक स्टडी के मुताबिक, कभी-कभार गुस्से का इजहार रिश्ते से जुड़ी परेशानियों को सुलझाने के लिए जरूरी हो जाता है।

कुछ देर का तनाव और फिर प्यार  
फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस स्टडी में बताया है कि बेशक गुस्से को जाहिर करने से कुछ देर के लिए तनाव और चिड़चिड़ाहट का अहसास होता है। जिसके चलते कभी बातचीत भी बंद हो जाती है। पर फिर एक दूसरे से दिल की बात कह डालने की आदत आपको एक दूसरे के करीब ले आती है। इसलिए भविष्य के लिए ये छोटे झगड़े बड़े कारगर साबित होते हैं। 

Fighting couple

बेमतलब गुस्सा बुरा पर चोट का इजहार जरूरी
इस रिसर्च में कहा गया है कि बिना शक बिना मतलब या फिर ऐसी बातों के लिए रूठना जो प्रेक्टिकली संभव ना हों रिश्तो में तनाव पैदा कर सकती हैं। वरना कभी अपनी नाराजगी का इजहार कर देना इसलिए जरूरी है क्योंकि उससे आप एक दूसरे से क्या अपेक्षा करते हैं ये सामने आ जाता है, और नकारात्मकता कम होती है।

गुस्सा किसी भी पार्टनर को लिमिट्स समझाने में होता है मददगार
रिसर्च मतें कहा गया है कि रिश्ते में अगर एक हमसफर हद पार करने की कोशिश करता है। तो ऐसी परिस्थिति में गुस्से का इजहार कर देना बढ़िया होता है ताकि सामने वाले को समझ आ जाये कि उसने गलत कदम उठा लिया है। और ये आर्थिक, घरेलू हिंसा और जिम्मेदारी उठाने को नकारने किसी भी मामले में जरूरी है।

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