फाइलों से बाहर नहीं निकली  
झारखंड में फिल्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए पिछली अर्जुन मुंडा गवर्नमेंट ने रांची से सटे पतरातू एरिया में 11 एकड़ जमीन को फिल्म स्टूडियो बनाने के लिए चिह्नित किया था। यहां पर बेहतर लैंड स्केप और लोकेशन्स को देखते हुए कोलकाता और हैदराबाद में स्थित फिल्म सिटी की तर्ज पर इसे डेवलप करना था। लेकिन घोषणा सिर्फ फाइलों में ही कैद होकर रह गई। इसी दौरान दिसंबर में अर्जुन मुंडा गवर्नमेंट का पतन हो गया और उनकी जगह कुछ महीनों पहले हेमंत सोरेन नए सीएम बने हैैं। उनके सामने भी फिल्म सिटी बनाने का प्रपोजल रखा गया है, लेकिन इसमें काई प्रोग्रेस नहीं हुआ।

झारखंड को मिलता रेवेन्यू
झारखंड एक ऐसा स्टेट है, जहां पर नदी, पहाड़, झरने और हरे-भरे जंगल हैैं। ये फिल्मों के लिए बेहतरीन लोकेशन्स हैैंं। लेकिन यहां पर फिल्मों की शूटिंग नहीं हो पाती है, क्योंकि शूटिंग के लिए जो रिसोर्स और गवर्नमेंट हेल्प चाहिए यहां पर फिल्म वालों को नहीं मिलती है। इसके साथ ही लॉ एंड ऑर्डर के साथ ही माओवादी प्रॉŽलम है। इस कारण प्रोड्यूसर-डायरेक्टर यहां का रुख नहीं करते हैं। फिल्म मेकर्स को सारा रिसोर्स एक जगह आसानी से मिल जाए,इसके लिए ही झारखंड में फिल्म सिटी डेवलप करने का प्रपोजल था। इसके लिए पतरातू एक बेस्ट प्लेस थी। अगर झारखंड में फिल्म सिटी बन जाती, तो इससे झारखंड गवर्नमेंट को
रेवेन्यू तो मिलता ही, एंटरटेनमेंट सेक्टर भी डेवलप होता।

आर्टिस्ट्स को मिलता मौका
पतरातू में फिल्म स्टुडियो के बनने से झारखंड के स्थानीय फिल्मकारों को बाहर नहीं जाना पड़ता। झारखंड में फिल्मों के लिए खूबसूरत स्पॉट्स हैं। फिल्मों की शूटिंग होने से यहां के कलाकारों को मौका मिलता।