-इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीट पर मतदान के दौरान अधिकारियों की ड्यूटी के लिए आरटीओ ऑफिस को सौंपी गई जिम्मेदारी

<-इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीट पर मतदान के दौरान अधिकारियों की ड्यूटी के लिए आरटीओ ऑफिस को सौंपी गई जिम्मेदारी

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PRAYAGRAJ: देशभर में इस समय लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. प्रयागराज की इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीट पर क्ख् मई को मतदान होना है. इसमें जिला प्रशासन से लेकर मतदान से जुड़े अधिकारियों की ड्यूटी के लिए वाहनों की जरूरत है. इसके लिए डीएम बीसी गोस्वामी ने रोडवेज, प्राइवेट बसों व चार पहिया वाहनों को देने की जिम्मेदारी आरटीओ ऑफिस को सौंपी है. वाहनों को देने में आनाकानी न हो इसलिए सख्त प्रावधान किए गए हैं. नौ मई को वाहन मालिकों ने अपना-अपना वाहन नहीं सौंपा तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

महत्वपूर्ण तथ्य

क्ख् मई को इलाहाबाद की सभी गाडि़यों का होना है अधिगृहण एआरटीओ प्रवर्तन रविकांत शुक्ला के अनुसार.

ब्9फ्8 पोलिंग बूथों पर मतदान के लिए वाहनों को अधिग्रहित करने की योजना बनाई गई है.

क्ख्00 प्राइवेट बसों का अधिग्रहण किया जाना है इलाहाबाद और फूलपुर संसदीय सीट के लिए बीस सीटर से अधिक

800 चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल किया जाना है पुलिस विभाग के लिए मतदान के दौरान.

800 वाहनों को लेने का निर्णय लिया गया है निर्वाचन से जुड़े जिला अधिकारियों के लिए.

नहीं तो होगी एफआईआर

09 मई को इन वाहन के मालिकों से वाहनों को सौंपे जाने का निर्देश दिया है एआरटीओ प्रवर्तन द्वारा. उस दिन तक जो मालिक अपना वाहन नहीं देगा उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. इन वाहनों को पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी व सेक्टर मजिस्ट्रेटों को दस मई तक सौंप दिया जाएगा.

सिर्फ रजिस्टर्ड वाहन

आरटीओ ऑफिस की ओर से उन्हीं प्राइवेट बसों, बोलेरो व जीप जैसी चार पहिया वाहनों को अधिगृहीत किया जा रहा है जिनका ऑफिस में रजिस्ट्रेशन है.

यहां हो रही बुकिंग

अधिग्रहण के लिए एआरटीओ प्रवर्तन श्री शुक्ला की अगुवाई में एआरटीओ सेकंड भूपेश गुप्ता की टीम द्वारा प्रतिदिन झूंसी, फाफामऊ, नैनी व चौफटका के आसपास बसों की बुकिंग की जा रही है.

वर्जन

डीएम के निर्देश पर मतदान के दौरान पीठासीन अधिकारियों, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के लिए वाहनों को दिया जाना है. वाहन मालिकों को इसकी जानकारी दे दी गई है. नौ मई को वाहन नहीं मिलता है तो संबंधित वाहन के मालिक के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.

-रविकांत शुक्ला, एआरटीओ प्रवर्तन