समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक एके शर्मा का कहना है कि इमारत से एक गार्ड का शव निकाला गया है.

उनका कहना है कि आग लगने के वक्त ये गार्ड संभवत: सो रहा था और किसी वजह से इमारत से बाहर नहीं निकल पाया. मृतक की पहचान 52 वर्षीय जय भगवान के रूप में की गई है.

इमारत से दोपहर तक रह-रहकर धुआं निकलता रहा और दमकल की दर्जनों गाड़ियां आग बुझाने में जुटी रहीं. आग पर काबू पाने के लिए इमारत की खिड़कियों के शीशे तोड़कर भीतर पानी की बौछार की गई.

इसबीच घटनास्थल पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई जिसकी वजह से यातायात पर असर पड़ा. वाहनों की आवाजाही के लिए एक तरफ का रास्ता बंद भी कर दिया गया.

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग सुबह करीब छह बजे के आसपास इमारत की तीसरी मंजिल पर लगी. ऊपर की एक मंजिल से एक सुरक्षा गार्ड को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, वहीं इस बात का अंदेशा बरकरार रहा कि 11वीं मंजिल पर एक गार्ड फंसा हो सकता है.

इस दौरान आग की वजह से आसपास के इलाके में धुएं का असर देखा गया.

क्रेन से गार्ड को बाहर निकाला

इमारत में काम करने वाले कुछ गार्ड्स ने बताया कि इमारत में कई कंपनियों के दफ्तर हैं जहां बड़ी संख्या में कागज और फाइल होती हैं और शायद इसी वजह से आग बहुत जल्द फैल गई.

बीबीसी के संदीप सोनी ने घटनास्थल पर देखा कि इमारत की छठवीं मंजिल पर एक गार्ड फंसा हुआ था जो काफी देर तक खिड़की से बाहर मुंह निकालकर इमारत में भर गए धुएं से बचने की कोशिश कर रहा था.

लगभग दस मिनट की जद्दोजेहद के बाद दमकल विभाग के कर्मचारियों ने एक बड़ी क्रेन की मदद से गार्ड शिव कुमार को खिड़की के रास्ते इमारत से सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

शिव कुमार ने बीबीसी को बताया कि इमारत की 11वीं मंजिल पर कम से कम एक और गार्ड है जिससे सम्पर्क नहीं हो पाया.

दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पहले सीढ़ियों के रास्ते ऊपर जाकर आग बुझाने की कोशिश की गई और इस बात की भी पड़ताल की गई कि क्या इमारत में और भी गार्ड्स मौजूद हैं.

यही आग दिन के वक्त लगी होती तो कई लोगों की जान को खतरा हो सकता था क्योंकि इमारत में कई दफ्तर हैं जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद होते हैं.

National News inextlive from India News Desk