बचाने के चक्कर में छोटा भाई भी झुलसा, कीडगंज में भोर में साढ़े तीन बजे हुई घटना

PRAYAGRAJ: भोर हो चुकी थी। मौसम बेहतर था तो नींद भी अच्छी आयी थी। क्या पता था काल ऐसा कुचक्र रच रहा है जिससे दोबारा आंख खोलने का मौका ही नहीं मिलेगा। संयोग अच्छा था कि भाई बच गया। यह घटना मंगलवार की भोर में तंबाकू वाली गली कीडगंज में सामने आयी। पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। झुलसे मृतक के भाई का इलाज चल रहा है। इस घटना से पूरा मोहल्ला सन्नाटे में है।

पूरा परिवार था गहरी नींद में

तम्बाकू वाली गली में सन्ने निषाद का मकान है। उसकी मौत के बाद परिवार में दो बेटे सनी उर्फ बाबू व अनिकेत के साथ पत्‍‌नी अनीता ही बची थी। पिता के गुजर जाने के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी दोनों बेटों पर आ गई। दोनों संगम में नाव चला कर मां अनीता के साथ गुजर बसर करने लगे। सोमवार रात खाना खाकर सनी घर के अगले हिस्से में बने एक कमरे में और छोटा भाई अनिकेत बगल के दूसरे कमरे में सोने चला गया। मां अंदर की तरफ स्थित कमरे में जाकर सो गई। छत पर बने एक कमरे में कोई नहीं था।

केरोसिन की शीशी हुई ब्लास्ट

भोर करीब साढ़े तीन बजे जिस कमरे सनी सो रहा था शार्ट सर्किट से लगी आग स्विच बोर्ड के पास रखी लोहे की आलमारी में जा लगी। फर्श पर आलमारी के बगल एक कांच की शीशी में केरोसिन रखा हुआ था। आग की वजह से यह शीशी ब्लास्ट कर गई। शीशी के ब्लास्ट करते ही आग पूरे कमरे में फैलते हुए सनी के बिस्तर तक जा पहुंची। आग की लपटों से घिरा सनी चीखने लगा तो बगल के कमरे में सो रहे अनिकेत की नींद खुल गयी और वह भाई को बचाने के लिए पहुंचा। बचाने के चक्कर में वह खुद भी झुलस गया। उसकी आवाज सुन उसकी मां भी दौड़ पड़ी। पूरे परिवार में कोहराम मच गया।

भाई खतरे से बाहर

शोरगुल सुन कर पड़ोसी बॉबी निषाद गुहार लगाते हुए मौके पर जा पहुंचा। आग बुझाने में बॉबी के हाथ में भी कई जगह छाले पड़ गए। तब तक सनी का चचेरा भाई आशीष आदि पहुंच गये। सूचना पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के जवानों ने स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरह आग पर काबू पाया। तब तक आग में झुलसे सनी की मौत हो चुकी थी। इलाज बाद अनिकेत की हालत खतरे से बाहर बताई गई। घर के दो कमरों में रखे सामान जलकर राख हो गए।