अब चलेगी बुलेट ट्रेन
पटाखा निर्माता और खुदरा विक्रेताओं ने बताया कि इस बार दीपावली त्यौहार के दौरान बाजार में पटाखों की आठ नई किस्म उतारी जाएंगी, जिनकी कीमत 2,150 से 11,350 के बीच होगी. स्थानीय फुटकर विक्रेता शिवेंद्र ने बताया कि खास किस्म 'पैनोरमा-500' है जो 500 सेंकेड तक फटेगा. इसकी कीमत 11,350 रुपये रखी गई है. इसके अलावा एक और किस्म है, वो है बुलेट ट्रेन. यह नई किस्में कस्टमर्स को खासा आकर्षित करेंगी. उन्होंने बताया कि चीनी उद्योग को प्रतिस्पर्धा देने के लिए इस बार हमने पटाखों की कई अन्य किस्मों को बाजार में उतारा हैं.
चीनी पटाखों से पर्यावरण को खतरा
तमिलनाडु फायरवर्क्स मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के महासचिव सुंदर ने दावा किया कि चीनी पटाखे सस्ते तो बेशक होते हैं, परंतु ये पर्यावरण के लिए बहुत हानिकारक होते हैं. सुंदर ने दावा किया कि भारतीय पटाखे महंगे अवश्य होते हैं परंतु यह गुणवत्ता और सुरक्षा की दृष्टि से चीनी पटाखों से कहीं अधिक बेहतर हैं. भारतीय पटाखा उद्योग इनके निर्माण में समाचार पत्र, कागज, कार्डबोर्ड और जूट जैसे कच्चे माल का प्रयोग करते हैं. परंतु चीनी निर्माता इनमें क्लारेट प्रयोग करते हैं. इस वजह से चीनी पटाखे सुरक्षा की दृष्टि से ज्यादा खतरनाक है.
आखिर क्यों रहते सस्ते
अब अगर चीनी पटाखों और भारतीय पटाखों के निर्माण की तुलना की जाये, तो चीनी आतिशबाजी उद्योग इसलिए सस्ते पटाखे बेच लेता है क्योंकि वह इनके निर्माण में पोटेशियम क्लोरेट का प्रयोग करता है जिसकी कीमत 50 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि भारतीय पटाखों में एल्यूमीनियम पाउडर (बहुत कम हानिकारक) का प्रयोग होता है, जिसकी कीमत 300 रुपये प्रति किलोग्राम होती है. यही फर्क कीमत पर असर डालता है.
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