कल्याणी देवी और ललिता देवी मंदिर में शुरू होगा शतचंडी महायज्ञ

पहले दिन मां भगवती के शैलपुत्री व ब्रह्माचारिणी का होगा श्रृंगार दर्शन

ALLAHABAD: जगत जननी मां भगवती की आराधना का सबसे बड़ा पर्व चैत्र नवरात्रि बुधवार से शुरू होगा। इस बार द्वितीया तिथि की हानि की वजह से आठ दिनों का ही पर्व रहेगा। पहले दिन प्रतिपदा और द्वितीया एक होने से मां भगवती के शैलपुत्री और ब्रह्माचारिणी स्वरूप का श्रृंगार दर्शन देवी धामों में किया जाएगा। साथ ही कल्याणी देवी और ललिता देवी मंदिर के परिसर में शतचंडी महायज्ञ भी शुरू किया जाएगा। मीरापुर स्थित कल्याणी देवी और ललिता देवी में मंगलाआरती के बाद सुबह पांच बजे कपाट खोल दिया जाएगा।

देवी धाम में हुई आकर्षक सजावट

चैत्र नवरात्रि से एक दिन पहले देवी धामों में रोशनी की आकर्षक सजावट की गई। शक्तिपीठ अलोपशंकरी व ललिता देवी मंदिर, मां कल्याणी देवी, मां खेमामाई मंदिर, अष्टभुजी मंदिर व अलोपीबाग स्थित दुर्गा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में झॉलरों की रंगबिरंगी रोशनी से सजा दिया गया। साथ ही सुगंधित फूलों से पूरे परिसर को सजाया गया। वही मंदिरों के आसपास के इलाकों में साफ-सफाई भी खूब जमकर की गई और पानी के बड़े-बड़े टैंकर भी रख दिए गए हैं। नगर आयुक्त शेषमणि पांडेय और मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने देवी धामों का निरीक्षण किया।

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सूर्योदय से पहले करें कलश स्थापना

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सूर्योदय से पहले सुबह 6.32 बजे तक है। ज्योतिषाचार्य पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि 28 मार्च को सुबह 8.14 बजे प्रतिपदा तिथि लग गई थी जिसका मान 29 मार्च को सुबह 6.32 बजे तक रहेगा। इसलिए उदया तिथि की वजह से सुबह 6.32 से पहले घरों में कलश स्थापना का किया जाना अति उत्तम होगा। इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में पूर्वान्ह 11.35 से लेकर दोपहर 12.23 बजे तक भी कलश स्थापना किया जा सकता है।