क्त्रड्डठ्ठष्द्धद्ब : महिला सुरक्षा के नाम पर झारखंड पुलिस व सरकार बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन हकीकत इससे परे है। झारखंड में बेटियां आए दिन छेड़खानी, अपहरण व रेप की घटनाओं से डरी हुई हैं। वो खुद को अनसेफ महसूस करने लगी हैं। स्टेट में रेप के आंकड़े भयावह हैं। झारखंड पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, स्टेट में हर दिन औसतन 5 लड़कियों के साथ होती है दरिंदगी। पिछले छह वर्षो की बात करें तो इस दौरान राज्य में रेप के 9088 मामले सामने आए हैं।

छह सालों में रेप के 9088 मामले

राज्य पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्ष में 9088 महिलाओं-लड़कियों के साथ ज्यादती हुई है। इनमें रांची 1051, सिमडेगा 254, पाकुड़ 379, कोडरमा 142, हजारीबाग 431, गिरिडीह 443, दुमका 435, चतरा 448 , चाईबासा 363, साहिबगंज 613 ,पलामू 376, लातेहार 240, जामताड़ा 148, जमशेदपुर 483, देवघर 447, सरायकेला 210, रामगढ़ 210, लोहरदगा 323, खूंटी 100, गुमला 505, गढ़वा 505, धनबाद 496 और बोकारो 486 जिले में रेप के मामले सामने आए हैं।

20-30 परसेंट मामले नहीं पहुंचते थाने

झारखंड में युवतियों की सुरक्षा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। दरअसल गांवों-कस्बों से लेकर राजधानी रांची में भी स्कूल-कॉलेज की लड़कियों के साथ रेप और हत्या के खौफनाक मामले लगातार सामने आ रहे हैं। देखा जाए तो पिछले तीन साल की तुलना में हर साल रेप के मामले झारखंड में बढ़े हैं। अति नक्सल प्रभावित खूंटी, सिमडेगा जिले में अन्य जिलों की तुलना में रेप की घटनाएं कम हुई हैं। साथ ही साइबर क्राइम के लिए चर्चित जामताड़ा में भी रेप की घटनाओं में कमी आई है। हालांकि जानकार बताते हैं कि ये आंकड़े सिर्फ वैसे हैं, जो थानों तक पहुंचे हैं। वहीं 20 से 30 फीसदी मामले तो ऐसे हैं, जो दबाव या समाज में लोकलाज की वजह से थाने तक पहुंच ही नहीं पाते हैं।

आंकड़े बता रहे पुलिस को फेल

पिछले छह वर्षो के दौरान हुए 9088 रेप के ये आंकड़े पुलिस के फेल्योर को भी बयां करती है। हालांकि यह बात और है कि इस तरह के ज्यादातर मामलों में आरोपी जेल में हैं। इसके बावजूद कई मामलों में पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं पाई है। पुलिस 97 परसेंट मामलों का खुलासा करने व आरोपियों को जेल भेजने का दावा करती है।

क्या है सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार, रेप व पॉक्सो एक्ट में स्पीडी ट्रायल करवाया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि ऐसी घटनाओं के आधा दर्जन आरोपियों को लोअर कोर्ट ने उम्रकैद से लेकर फांसी की सजा तक सुना दी है।

ज्यादातर आरोपी जान पहचान वाले

जबकि ऐसे कई मामलों में आरोपी पीडि़ता की जान पहचान का ही होता है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, रेप के 95 परसेंट मामलों में आरोपी विक्टिम का परिचित होता है। आंकड़े बताते हैं कि इन परिचितों में 27 प्रतिशत पड़ोसी भी शामिल होते हैं। जबकि 22 प्रतिशत मामलों में शादी का वादा करने के बाद आरोपी ने रेप की घटना को अंजाम दिया।

परिवार वाले भी हैं शामिल

वहीं नौ प्रतिशत रेप के मामलों में परिवार के सदस्य और रिश्तेदार शामिल रहते हैं। रेप की कुल घटनाओं में दो प्रतिशत लिव इन पार्टनर या पूर्व पति होते हैं। जबकि 1.6 प्रतिशत घटनाओं में ऑफिस के बॉस या सहकर्मी और 33 प्रतिशत अन्य परिचित या सहयोगियों द्वारा रेप की घटना को अंजाम दिया जाता है।

रेप की कुछ घटनाएं

26 नवंबर 2019: रांची कांके थाना क्षेत्र के लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा के साथ 12 युवकों ने गैंगरेप किया। मामले में सभी 12 आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

18 नवंबर 2019: धनबाद में शौच के लिए रात को निकली आद्रकुड़ी निवासी 22 साल की युवती की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। मृतका का शव चंदनकियारी थाना अंतर्गत बरमसिया ओपी के आद्रकुड़ी बाटवोआ सीमा पर नग्न स्थिति में बिजली पोल से लटका मिला।

17 सितंबर 2019: जमशेदपुर के सोनारी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किए जाने का मामला प्रकाश में आया था।

20 जून 2019: चतरा के सिमरिया थाना क्षेत्र की 35 वर्षीया विधवा महिला के साथ अपहरण के बाद गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था।

6 मार्च 2019: बोकारो में युवती से 11 लोगों ने गैंगोव किश्स। मामले में चार आरोपी गिरफ्तार हुए थे।