ऐसे हुई थी घटना
गौरतलब है कि फ्रांसीसी फार्मूला वन ड्राइवर जूल्स बियांची ने नौ महीने तक अपनी चोटों के साथ कड़ा संघर्ष किया। बता दें कि अक्टूबर 2014 में जापानी F1  ग्रांप्री के दौरान रेसिंग ट्रैक पर बियांची की कार जबरदस्त हादसे का शिकार हो गई थी। उनकी तेज रफ्तार कार मोबाइल क्रेन से टकरा गई थी। हादसे में 25 साल के बियांची के सिर पर गहरी चोट आई थी। उस समय से वह कोमा में ही थे।

हार गए डॉक्टर भी
इस दर्दनाक चोट से जूझते हुए बियांची का इलाज साउथ फ्रांस के नाइस हॉस्पिटल में चल रहा था। जानकारी के मुताबिक डॉक्टरों ने उनकी सर्जरी भी की थी। इसके बावजूद वह उनको बचा नहीं सके और दर्द के आगे बियांची ने आखिरकार अपने घुटने टेक दिए। इस खबर को लेकर मेनोर टीम ने ट्वीट किया है कि इतने कड़े संघर्ष के बाद जूल्स को गंवाकर अब वह पूरी तरह से टूट गए हैं। यह उनके लिए सम्मान की बात थी कि उन्होंने हमारी टीम की ओर से रेसिंग की।

बियांची के परिवार ने कहा कुछ ऐसा
उधर, बियांची के दुखी परिवार ने कहा है कि जूल्स ने आखिर तक अपने दर्द के साथ कड़ा संघर्ष किया। जैसा कि वह हमेशा से करते थे, लेकिन आज उनके संघर्ष की ये जंग खत्म हो गई। इसे लेकर उन सबको बेहद तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है, जिसके बारे में बताया नहीं जा सकता। गौरतलब है कि 2013 और 2014 सत्र में बियांची ने कुल 34 रेसों में हिस्सा लिया। पिछले साल मोनोको ग्रांप्री में नौवें स्थान पर रहते हुए मेनोर (तत्कालीन मारूसिया) टीम को इन्होंने चैम्पियनशिप में पहला अंक दिलाया।

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