-हाईस्कूल में फेल होने के डर से घर छोड़कर भागा था

-बेटे के घर आने की उम्मीद छोड़ चुके थे पिता टीकाराम

DEHRADUN : लापता बेटे के घर आने की उम्मीद छोड़ चुके टीकाराम की आंखों में उस वक्त आंसू छलक आए जब जीआरपी ने उन्हें उनके कलेजे के टुकड़े रमेश को सौंपा। रमेश पांच माह से घर से लापता चल रहा था।

डर से घर छोड़कर भाग निकला

दरअसल, क्म् वर्षीय रमेश पुत्र टीकाराम निवासी रामाहुडा जिला धनबाद झारखंड हाईस्कूल में फेल होने के डर से घर छोड़कर भाग निकला। पेशे से व्यापारी पिता टीकाराम ने उसे तलाशने की कोशिश करने के साथ स्थानीय थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी, बावजूद रमेश का कुछ पता नहीं चल पा रहा था।

संदिग्ध हालत में घूमते हुए मिला

दून से दो दिन पूर्व जीआरपी दून ने टीकाराम को फोन पर रमेश के बारे में सूचित किया। रमेश दो दिन पूर्व ही रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध हालत में घूमते हुए मिला था। बुधवार को जीआरपी ने रमेश को झारखंड से पहुंचे पिता टीकाराम के हवाले किया। इस दौरान टीकाराम की आंखें बेटे को पाकर नम हो गई।