पेरिस (रॉयटर्स)। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सऊदी अरब स्थित ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट 'सऊदी अरामको' पर हुए ड्रोन हमले की कड़ी निंदा की है। अब इस हमले की जांच के लिए उन्होंने अपने कुछ एक्सपर्ट्स को सऊदी अरब भेजने का निर्णय लिया है। बता दें कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद फ्रांस की तरफ से इस तरह का बयान सामने आया है। फ्रांस के राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, मैक्रों ने हमलों की कड़ी निंदा की और क्राउन प्रिंस मोहम्मद को इस मामले में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।'

स्थनीय अधिकारियों की मदद करेंगे एक्सपर्ट्स

राष्ट्रपति भवन ने आगे कहा, 'राष्ट्रपति मैक्रों ने क्राउन प्रिंस से फोन पर हुई बातचीत के दौरान यह भी कहा है कि वह अपने कुछ एक्सपर्ट्स को सऊदी अरब भेज रहे हैं, जो 14 सितंबर को ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट पर हुए हमले की जांच में स्थानीय अधिकारियों की मदद करेंगे और यह पता लगाएंगे कि ये हमला क्यों और किसके द्वारा किया गया।' हालांकि, फ्रांस ने अपने इस बयान में यह नहीं बताया कि इस हमले के लिए उसको किसपर शक है। बता दें कि अमेरिका समेत तमाम देश इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार मान रहे हैं।

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पहले भी आतंकियों के निशाने पर रहा सऊदी अरामको

गौरतलब है कि सऊदी अरब में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट 'सऊदी अरामको' पर शनिवार को ड्रोन हमला हुआ। तब इसकी जिम्मेदारी यमन के विद्रोहियों ने ली थी। उन्होंने बताया था कि इन रिफायनरीज को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए करीब 10 ड्रोन से हमला किया गया है। अबकैक स्थित सऊदी अरामको के ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट में एक दिन में 7 मिलियन बैरल तेल का प्रोसेसिंग होता है। पहले भी यह प्लांट आतंकियों के निशाने पर रहा है। इससे पहले अलकायदा ने बताया था कि फरवरी में तेल परिसर पर आत्मघाती हमलावरों ने भी हमला करने का प्रयास किया था।

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