हैदराबाद (आईएएनएस)। Anand Mohan : बिहार की राजनीति में बाहुबली नेता व पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई हो चुकी है। करीब 15 साल बाद जेल से बाहर आए 90 के दशक में रसूखदार नेता आनंद मोहन एक बार फिर से बिहार में पाॅलिटिक्स पार्ट -2 शुरू करने वाले हैं। इसको लेकर उनके समर्थकों ने तैयारी भी शुरू कर दी है। हालांकि उनकी रिहाई फैसले को लेकर नीतीश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उनकी रिहाई को लेकर जेल नियमों में हुए बदलाव किया गया है। हालांकि अब यहां यह जानना जरूरी है कि आखिर आनंद मोहन जेल क्यों गए थे तो बता दें कि बाहुबली नेता आनंद को आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की माैत के मामले में उम्र कैद की सजा मिली थी।

डीएम को भीड़ ने पीटकर मार डाला था
जी कृष्णैया 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे। वे तेलगांना के रहने वाले थे। जी कृष्णैया काफी साफ-सुथरे छवि के इमानदार अधिकारी थे। 4 दिसंबर 1994 में आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी के छोटन शुक्ला का मर्डर हो गया था। इस मामले को लेकर उनकी पार्टी के समर्थक काफी गुस्से में थे। शव रखकर विरोध कर रहे थे। इस दाैरान गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया अपनी गाड़ी से जा रहे थे। तभी भीड़ ने जी कृष्णैया की गाड़ी रोककर उन्हें पीट-पीटकर मार डाला था।

आनंद पर लोगों को भड़काने का था आरोप
आरोप था कि आनंद मोहन ने ही लोगों को उकसाकर अधिकारी की हत्या करायी थी। आनंद मोहन समेत कई लोगों पर केस भी दर्ज हुआ था। आनंद मोहन को 2007 में एक निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन पटना उच्च न्यायालय ने 2008 में इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया। वह 15 साल तक जेल में रहे। राजद के पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई से मारे गए दलित आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया का परिवार सदमे में है। वह नीतीश सरकार के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं।

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