नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत के विश्व कप विजेता पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने कोरोना वायरस के बीच एक मिसाल पेश की है। गंभीर के घर पर काम करने वाली एक हेल्पर की जब बीमारी के चलते मौत हो गई तो गंभीर ने खुद उनका अंतिम संस्कार किया। चूंकि लॉकडाउन के चलते मृतक के परिवार वाले यहां आ नहीं सके, इसलिए अंतिम क्रिया की जिम्मेदारी गंभीर ने संभाली।

गंभीर ने ट्विटर पर दी श्रद्ंजलि

भाजपा से लोकसभा के सदस्य गंभीर ने अपनी कर्मचारी सरस्वती पात्रा के लिए अपने ट्विटर पेज पर एक श्रद्धांजलि पोस्ट की। सरस्वती पिछले छह सालों से गंभीर के घर पर काम कर रही थी। गौतम ने ट्वीट में लिखा, 'वह मेरे परिवार का हिस्सा थीं। उनका अंतिम संस्कार करना मेरा कर्तव्य था। 38 वर्षीय गंभीर ने यह भी लिखा, "हमेशा जाति, पंथ, धर्म या सामाजिक प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना काम करना चाहिए। एक बेहतर समाज बनाने का यही एकमात्र तरीका है। यह मेरा भारत का विचार है! ओम शांति"। ओडिशा में मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि 49 वर्षीय पात्रा जाजपुर जिले से बिलान्ग करती थी। वह कुछ दिनों पहले सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती हुई थीं और लंबे समय से डाइबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रही थीं। 21 अप्रैल को इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।

पेट्रोलियम मंत्री ने की सराहना

केंद्रीय पेट्रोलियम और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गंभीर की सराहना की। ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले प्रधान ने कहा, "अपनी बीमारी के दौरान सरस्वती की देखभाल करते हुए, गंभीर ने उनका अंतिम संस्कार कर अपना कर्तव्य निभाया।' प्रधान ने ट्वीट किया, 'गंभीर की यह पहल लाखों गरीबों के लिए मानवता में विश्वास को बढ़ाएगा, जो आजीविका के लिए अपने घर से दूर काम कर रहे हैं और समाज के सभी क्षेत्रों से सम्मान प्राप्त करेंगे।'

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