शरीर पर खरोंच तक नहीं आई
वर्ली के जीजामाता नगर में रहने वाले इसरारुल हक की 19 वर्षीय बेटी शाबरा बानो का पिछले एक साल से डिप्रेशन (अवसाद) का इलाज चल रहा है. इसरारुल ने बताया कि शाबरा इससे काफी परेशान थी और शुक्रवार सुबह घर से भागकर महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन जा पहुंची. सुबह नौ बजे के करीब वह बोरीवली से चर्चगेट जा रही लोकल के सामने कूद गई. ट्रेन ड्राइवर रामदेव रघुवीर सिंह (47) ने बताया कि प्लेटफार्म के किनारे खड़ी लडक़ी को देख उन्हें उसके इरादे ठीक नहीं लगे और उन्होंने ब्रेक लगा दिए. ट्रेन रुकने पर नीचे उतरकर उन्होंने देखा तो लडक़ी ट्रैक से चिपकी हुई थी. उसके शरीर पर एक खरोंच तक नहीं आई थी.

Report by: Iram Siddiqui (Mid Day)

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