RANCHI: झारखंड विधानसभा की दो सीटों पर क्म् मई को होने वाला उपचुनाव राज्य में सत्तारुढ़ बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। क्योंकि, इनमें से एक सीट बीजेपी और एक कांगे्रस के पास थी। पांकी सीट जहां कांग्रेस के पास थी, वहीं गोड्डा बीजेपी के पास थी। इन दोनों सीटों पर अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने विरासत का दांव खेलते हुए दिवंगत विधायकों के पुत्रों को चुनाव में उतारा है, लेकिन यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है। इन दोनों विधानसभा उपचुनाव में जहां विपक्ष के पास खोने के लिए कुछ नहीं है, वहीं बीजेपी व कांग्रेस की जीती हुई सीट दांव पर लगी है।

गोड्डा में राजद-झामुमो भी

उपचुनाव में दोनों पार्टियों का खेल बिगाड़ने के लिए क्षेत्रीय पार्टी जेएमएम ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। गोड्डा सीट पर बीजेपी के दिवंगत विधायक रघुनंदन मंडल के बेटे अमित मंडल का मुकाबला करने के लिए जहां राजद ने दो टर्म के विधायक रहे संजय यादव को चुनाव मैदान में उतारकर बीजेपी को घेरने की तैयारी की है। वहीं, कांग्रेस समेत जेवीएम का समर्थन मिलने से भी राजद के नेता उत्साहित हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस सीट पर जीत मिलेगी। इस सीट पर राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी जेएमएम ने भी अपना उम्मीदवार उतारकर त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है।

पांकी में त्रिकोणीय मुकाबला

पांकी विधानसभा सीट बीजेपी और जेएमएम जहां दल-बदलुओं के सहारे जीतने की फिराक में हैं, वहीं इस सीट पर कांग्रेस ने अपने दिवंगत विधायक विदेश सिंह के बेटे देवेन्द्र सिंह को टिकट दे दिया है। वहीं, पिछले विधानसभा चुनाव में मामूली वोटों से हारने वाले कुशवाहा एसबीपी मेहता इस बार झारखंड मुक्ति मोर्चा से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पिछली बार इसी सीट से जेएमएम के टिकट पर चुनाव लड़े लाल सूरज इस बार बीजेपी का दामन थाम लिए हैं।