- सस्ती चांदी और आर्टिफिशियल ज्वेलरी से बढ़ रही शोभा

- मार्केट में काफी डिमांड में हैं चांदी के जेवर

PATNA : मार्केट कितना भी उतार चढ़ाव से गुजर रहा हो लेकिन चांदी के गहनों पर इसका अधिक प्रभाव नहीं दिखता। मिडल क्लास इसे अपना सेफ इंवेस्टमेंट मानता है। इसके साथ फैशन के लिए ज्वेलरी वीयर करने वाला एक बड़ा सेग्मेंट चांदी और दूसरे आर्टिफिशियल ज्वेलरी की तरफ रुख कर रहा है। पेश है पटना के ज्वेलरी मार्केट में चांदी की चमक को दिखाती चमक दमक सीरीज की हमारी खास रिपोर्ट।

परंपरा के साथ मार्केट में भी मजबूत

चांदी की गिनती बेशक सोने के बाद होती है, लेकिन आज भी यह कहीं अधिक गहराई से हमारी परंपराओं में जुड़ी हुई है। चांदी की बिछिआ जहां हिंदू महिलाओं के लिए सुहाग की निशानी है, वहीं चांदी के देवता पूजा घरों की शोभा बढ़ाते हैं। साथ ही वर्तमान मार्केट पर भी चांदी की मजबूत पकड़ है। सराफा व्यापारियों के मुताबिक इनवेस्ट करने के लिए चांदी के सिक्कों को सेफ जोन माना जाता है। इन पर लोगों को सिर्फ दो से तीन प्रतिशत का ही लॉस होता है।

मेटल ज्वेलरी हमेशा से ट्रेंड में

चांदी के जेवरों में सबसे अधिक पायल और बिछिआ बिकते हैं। इस समय मार्केट में इनके लेटेस्ट मॉड्ल्स अवेलबल हैं। खासकर बैंकॉक और सिंगापुर वाली बिछिआ की क्वालिटी तो इतनी अच्छी और स्मूद है कि वह कपड़ों में फंसती नहीं है। सुरक्षा और किफायत के चलते लोगों को ये काफी पसंद आ रही है।

ये है शहर का एवरेज प्राइज

भ्भ्0 रुपए में चांदी के क्ख् ग्राम के सिक्के

ब्9ब् रुपए में होलमार्क वाले चांदी के क्0 ग्राम के सिक्के

फ्000 रुपए सबसे छोटी गणेश- लक्ष्मी की मूर्ति

म्फ्00 रुपए क्ख्7 ग्राम की बड़ी मूर्ति

ब्भ्9ब्फ् रुपए चांदी का मूल्य एक किग्रा