- आरयू ने बदल दिया एमए म्यूजिक की टॉपर, छात्रा को न आने के लिए जारी करेगा लेटर

- अब 80 परसेंट वाली छात्रा को नहीं 76.75 परसेंट वाली छात्रा को मिलेगा मेडल

-आरयू

बरेली: आरयू में 2 सितंबर को कन्वोकेशन है, लेकिन अभी तक आरयू प्रशासन टॉपर ही फाइनल नहीं कर पा रहा है। कन्वोकेशन से पांच दिन पहले वेडनसडे को आरयू प्रशासन ने एमए म्यूजिक का टॉपर चेंज कर दिया। वहीं इस पर डीएसडब्ल्यू ने भी सहमति जता दी। जबकि छात्रा को आरयू की तरफ से कन्वोकेशन में आने का लेटर जारी किया गया था। इस पर आरयू प्रशासन का कहना है कि छात्रा को न आने के लिए अब लेटर जारी किया जाएगा। हालांकि आरयू का इसके पीछे तर्क था कि जो स्टूडेंट्स कोर्स की पढ़ाई के दौरान एक वर्ष भी फेल हो जाता है तो उसे गोल्ड मेडल की लिस्ट में शामिल नहीं किया जाता है।

चार साल में किया था पीजी

आरयू के संबंद्ध कॉलेज वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी महिला महाविद्यालय से एमए म्यूजिक की छात्रा सुरवाला ने एमए म्यूजिक वर्ष 2019 में फाइनल किया है। छात्रा के 80 परसेंट मा‌र्क्स भी आए, छात्रा ने वर्ष 2016 में एमए म्यूजिक में एडमिशन लेने के बाद एग्जाम दिया था। वह पास भी हो गई, लेकिन साल 2017 में एक पेपर देने के बाद मेडिकल लीव ले लिया और तीन पेपर नहीं दिए। फिर उसने साल 2019 में एग्जाम फार्म भरा और पास हुई तो सबसे अधिक मा‌र्क्स पाने के चलते आरयू ने पहले तो सिलेक्ट कर लिया, लेकिन अब टॉपर लिस्ट से नाम हटा दिया।

परसेंटेज कम फिर भी मिलेगा गोल्ड

आरयू ने अब साहूराम स्वरूप महिला महाविद्यालय की छात्रा दीक्षा द्विवेदी को गोल्ड मेडल के लिए सिलेक्ट किया है। दीक्षा द्विवेदी को 76.75 परसेंट मा‌र्क्स आए है। अब ऐसे में आरयू को गोल्ड मेडल पाने वाली छात्रा सुरवाला को अब गोल्ड मेडल नहीं मिलने के लिए भी पत्र भेजना होगा।

तो इन्हें क्यों गोल्ड

आरयू ने वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी से एमए होम साइंस चार वर्ष में पास करने वाली छात्रा को गोल्ड मेडल के लिए सिलेक्ट किया है। जबकि छात्रा ने एक वर्ष एमए एग्जाम देने के बाद दो वर्ष बीटीसी फाइनल किया। उसके बाद फिर एमए होमसाइंस का एग्जाम दिया और गोल्ड मेडल के लिए सिलेक्ट कर लिया गया। जबकि एमए होमसाइंस में गोल्ड मेडल पाने वाली छात्रा के 77.17 मा‌र्क्स आए और छात्रा की आरडी भी लगी थी। लेकिन आरडी को हटा दिया गया।

-जो स्टूडेंट्स दो वर्ष के कोर्स को तीन वर्ष में पूरा करे चाहे चार में, लेकिन वह एक भी वर्ष फेल नहीं होना चाहिए। कारण उसका एग्जाम छूटा हुआ होना चाहिए। तब ऐसे स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल दिया जा सकता है।

प्रो। एके जेटली, डीएसडब्ल्यू, आरयू