-वाकई गुड हो गया पुलिस का गुडवर्क
नैनी में बरामद चोरी की 45 बाइक में से 42 के मालिकों का पता लगाया गया
-लोगों को घर-घर जाकर बताया जा रहा है कि आपकी बाइक मिल गई है
-जब डीआईजी ने किया टाइट तब जाकर हरकत में आया क्राइम ब्रांच
ashutosh.srivastava@inext.co.in
ALLAHABAD:
चोरी की बाइक को बरामद करना, चोरों को अरेस्ट कर जेल भेजना, इलाहाबाद पुलिस की भाषा में इसी को गुडवर्क कहा जाता है। बाइक बरामद, चोर अंदर और पुलिस का काम खत्म। इस बार भी पुलिस ऐसा ही करने की फिराक में थी। नैनी में 45 बाइक को बरामद कर थाने में सड़ाने का पूरा इंतजाम कर लिया गया था लेकिन डीआईजी जितेंद्र कुमार शाही ने ऐसा टाइट किया कि गुडवर्क वाकई में गुड हो गया। इंजन नंबर, चेचिस नंबर के आधार पर क्राइम ब्रांच ने 42 बाइकों के मालिकों का पता लगा लिया। पुलिस घर-घर जाकर बता रही है कि आपकी चोरी गई बाइक मिल गई है। कागजी कार्रवाई पूरी कर बाइक को रिलीज करवा लें।
दो हजार बाइकें पड़ी हैं थानों में
जिले के 39 थानों में 2000 से अधिक बाइकें पड़ी सड़ रही हैं। इनके मालिक कौन हैं, यह पता लगाने की जहमत आज तक किसी ने नहीं उठाई। कुछ बाइकें, स्कूटर व कारें तो 10 साल से भी अधिक समय से थानों में पड़ी कबाड़ में तब्दील हो गई हैं। सिविल लाइंस, कर्नलगंज, शिवकुटी, कोतवाली, मुट्ठीगंज, कीडगंज, धूमनगंज, खुल्दाबाद, जार्जटाउन थानों में गाडि़यों का अंबार लगा है। अकेले सिविल लाइंस थाने में ही तीन सौ से अधिक बाइकें, कार व टेंपो सालों से पड़े हुए हैं।
एक साल तक दौड़ाया
सिविल लाइंस का ही एक मामला हाल में पुलिस महकमे में काफी चर्चा में रहा। शहर के ही एक शख्स की बाइक लास्ट ईयर जून में सिविल लाइंस से चोरी हो गई थी। उसे एक महीने बाद कुछ बाइकों के शंकरगढ़ में बरामद होने का पता चला। वह शंकरगढ़ गया और अपनी बाइक को पहचान लिया। उसने सिविल लाइंस पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस को बरामद बाइक युवक को दिलवाने की फुर्सत आठ महीने तक नहीं मिली। उसने डीआईजी के पास शिकायत की। जब संबंधित सब इंस्पेक्टर का वेतन रोकने का आदेश दिया गया तो सेम डे ही बाइक सिविल लाइंस आ गई।
24 फरवरी को हुई थी बरामदगी
45 बाइक की बरामदगी 24 फरवरी को नैनी एरिया में हुई थी। बरामदगी के दिन ही चार बाइकों के मालिकों का पता लगा लिया गया था। इसके बाद फाइल क्लोज कर दिया गया। जब डीआईजी ने क्राइम ब्रांच के इंचार्ज से अन्य बाइकों के बारे में पूछताछ की तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। डीआईजी ने जब कर्रा किया तो चेचिस नंबर के आधार पर 38 बाइकों के मालिकों का पता लगा लिया। सारा काम दो दिन में ही पूरा हो गया।
पुलिस की ड्यूटी है कि चोरों से बरामद बाइकों के असली मालिक का पता लगाए। पहले से भी जो बाइकें थानों में पड़ी हैं, उनके मालिकों का भी पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
जितेंद्र कुमार शाही, डीआइजी
यह हुए थे अरेस्ट
मान सिंह उर्फ बबऊ, घूरपुर
फिरोज अहमद, पंचदेवरा
संदीप पटेल, करछना
रामपाल भारतीय, करछना
संतोष साहू, कर्मा
बृजेश यादव, करेहा
वांटेड
गैंग लीडर रमेश पटेल, करछना
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10 बाइकें रोज होती हैं चोरी
5 दर्जन बाइकों को इस साल किया गया बरामद
1 दर्जन से अधिक चोरों को इस साल किया गया अरेस्ट
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साल बाइक चोरी
2013 1838
2014 2891
2015 3214
2016 (अब तक) 560