- बारिश में भीगकर पब्लिक ने बनवाया पॉल्युशन सर्टिफिकेट

- एक सेंटर होने से परेशान हो रहे लोग, अभी तक नहीं खुले और पॉल्युशन सेंटर

- गोरखपुर में दौड़ रहीं करीब 8.50 लाख गाडि़यां

GORAKHPUR: शहर में मौजूद करीब 8.50 लाख व्हीकल्स पर एक पीयूसी सेंटर, ये तो बहुत नाइंसाफी है। शोले फिल्म के गब्बर का ये डायलॉग पॉल्युशन सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचे अधिकतर लोगों के मुंह से सुनने को मिल रहा है। हो भी क्यों ना, जब गोरखपुर में करीब आठ लाख पचास हजार गाडि़यों के पॉल्युशन सर्टिफिकेट के लिए केवल तीन सेंटर आरटीओ ने ऑथराइज किए हैं। जिनमें भी केवल एक ही सेंटर पर सर्टिफिकेट बन रहा है। बाकी दोनों सेंटर गायब हो गए हैं। ऐसे में एक सेंटर पर आखिर कैसे इतनी गाडि़यों का पीयूसी बनेगा ये सवाल हर कोई पूछ रहा है, जबकि चालान काटने में बिजी जिम्मेदार जरा भी नरमी बरतते नहीं दिख रहे।

बरसात में भी लगी कतार

शुक्रवार की सुबह से ही बरसात हो रही थी। इसके बावजूद सर्टिफिकेट बनवाने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई। इस दौरान पॉल्युशन सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचे फोर व्हीलर वालों की भी अच्छी खासी तादाद देखने को मिली। जबकि गुरुवार को मशीन खराब होने की वजह से केवल टू व्हीलर की ही जांच हो पाई थी।

कतार में हो रही दोस्ती

पीयूसी के लिए खड़े लोगों में बातचीत के दौरान ही अच्छी फ्रेंडशिप भी हो जा रही है। शुक्रवार को लाइन में खड़े लोग अपनी बातचीत के बाद एक दूसरे के भरोसे अपनी गाड़ी छोड़कर अपना दूसरा काम भी निपटाते दिखे। तमाम परेशानियों के बीच ये मेलजोल यहां डेली देखने को मिल रहा है।

गीडा में मिली कंप्लेन

सूत्रों की मानें तो एक सेंटर जो शहर के किसी इलाके के लिए ऑथराइज है, वो अपनी दुकान गीडा में लगा रहा है। वहां पर पॉल्युशन सर्टिफिकेट के नाम पर कई गुना फीस वसूली का खेल चल रहा है। इस बात की जानकारी आरटीओ को भी है लेकिन कुछ भी करने से कतरा रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार गीडा में दो से तीन सौ रुपए में पॉल्युशन सर्टिफिकेट बनवाए जा रहे हैं।

अधिकारी भी मजबूर

पॉल्युशन सर्टिफिकेट बनवाने वालों की भीड़ को देखते हुए अधिकारी भी मौन पड़े हैं। वहीं आरटीओ की लाख सख्ती के बाद भी सेंटर अपनी एलॉट जगह पर दुकान नहीं लगा रहे। अधिकारियों को डर सता रहा है कि अधिक सख्ती करने पर ये सेंटर भी बंद हो जाएंगे। इसके बाद सारी भीड़ इनके कमरों में सवाल करने पहुंचेगी।

ऑनलाइन कर सकते हैं आवेदन

पॉल्युशन सर्टिफिकेट सेंटर के लिए परिवहन निगम की एप पर कोई भी जो मानक को पूरा करता हो आवेदन कर सकता है।

वर्जन

दुकानों को बार-बार अपनी जगह पर लगाने के लिए कहा जा रहा है। ये नहीं मान रहे हैं तो मुख्यालय को इससे अवगत कराया जाएगा। सेंटर बढ़ाने की बात चल रही है।

श्याम लाल, आरटीओ प्रशासन