पेट्रोलियम मंत्री ने बताया

पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से केरोसिन की वास्तविक लागत व राशन में बिक्री मूल्य के बीच के अंतर की भरपाई के लिए 12 रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा बचे हुए शेष 2.95 रुपये का बोझ तेल उत्पादक कंपनियां ONGC और ऑयल इंडिया लिमिटेड वहन करेंगी। ठीक ऐसे ही हर 14.2 किलो के सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर पर लागत से कम वसूली 167.18 रुपये बताई जा रही है।

मौजूदा कीमत से फर्क है इतना

बात करें सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडर की, तो इसकी मौजूदा कीमत 417.82 रुपये बताई गई है। इस तरह से देखा जाए तो मौजूदा दर पर लागत से कम वसूली की पूरी भरपाई तय सब्सिडी सीमा के दायरे में ही है। इसको लेकर प्रधान कहते हैं कि पेट्रोल जून 2010 से और डीजल अक्टूबर 2014 से बाजार मूल्य की कीमतों पर बेचा जा रहा है। ऐसे में वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सरकार ने केरोसिन को लेकर 12 रुपये प्रति लीटर की सहायता को मंजूरी दे दी है।

बताया गया ऐसा भी

इसके अलावा प्रधान ने ये भी बताया कि लोकसभा को एक सवाल के लिखित जवाब में ये कहा गया है कि सरकार ने घरेलू एलपीजी के लिए प्रत्यक्ष लाभंतरण के तहत 18 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी का फैसला किया है। उन्होंने ये भी बताया कि वित्त मंत्रालय ने एलपीजी सब्सिडी का पूरा बोझ स्वयं उठाने का फैसला किया है। यह सब्सिडी सीधे एलपीजी उपभोकताओं के बैंक खातों में बतौर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) पहुंचाई जाती है।

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