22 मिनट में 28 किमी सफर तय कर बनाई मिसाल, दो मरीजों को भी मिली रोशनी

- केजीएमयू से दिल्ली के अपोलो ट्रांसप्लांट के लिए भेजा गया लिवर

- ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरीडोर बना एयरपोर्ट तक पहुंचाई एंबुलेंस

LUCKNOW: राजधानी की ट्रैफिक पुलिस और डॉक्टरों के प्रयास की बदौलत तीन लोगों को नई जिंदगी मिल गई। दरअसल, इन मरीजों को शरीर के अहम अंगों के ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी। सबसे बड़ी चुनौती केजीएमयू से एयरपोर्ट तक लिवर पहुंचाना था, जिसे फिर फ्लाइट से दिल्ली के अपोलो ले जाना था। ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरीडोर बनाकर वक्त से अंगों का एयरपोर्ट तक पहुंचना सुनिश्चित किया। एंबुलेंस से 22.30 मिनट में 28 किलोमीटर की दूरी तय कर आर्गन अमौसी एयरपोर्ट पहुंचाए गए। इस प्रशंसनीय कोशिश से दिल्ली के अपोलो में भर्ती आगरा के मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। इसके अलावा पीजीआई में दो मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट की गई। आंखों के कॉर्निया से दो मरीजों की जिंदगी रोशन हो सकेगी। इन सभी मरीजों का ट्रांसप्लांट हादसे में जान गंवाने वाले गोरखपुर निवासी सुंदर सिंह के अंगदान की वजह से संभव हो सका।

मानवता की 'सुंदर' मिसाल

गोरखपुर के ग्रा। कोठा ब्लाक कौढ़ीराम निवासी सुंदर सिंह (28) के घर में सात भाई-बहन हैं। उनका परिवार वालसाड़ (गुजरात) में रहकर बिजनेस करता है। सुंदर गांव में बीए की परीक्षा देने आए थे। यहां 24 जुलाई को उनका एक्सीडेंट हो गया। उन्हें केजीएमयू रेफर किया गया, जहां बुधवार रात उनकी मौत हो गई। इसके बाद केजीएमयू के डॉक्टर्स व काउंसलर्स ने परिजनों को अंगदान के लिए समझाया। जिस पर वो राजी हो गए।

12 घंटे में लीवर और 24 घंटे में किडनी ट्रांसप्लांट जरूरी

केजीएमयू के शताब्दी हॉस्पिटल में डॉ। अभिजीत चंद्रा, डॉ। विवेक गुप्ता, डॉ। परवेज, डॉ। मनमीत सिंह, डॉ। साकेत कुमार, डॉ। प्रदीप जोशी और डॉ। विशाल गुप्ता की टीम ने लीवर, किडनी कॉर्निया निकाले। केजीएमयू वीसी प्रो। रविकांत लखनऊ में न होने के बावजूद मामले पर नजर बनाए हुए थे। लेकिन, लिवर 12 घंटे और किडनी 24 घंटे के भीतर ट्रांसप्लांट करना चुनौती थी। इसके अलावा एयरपोर्ट तक अंगों को सही समय पर पहुंचाना भी ट्रैफिक को देखते हुए टेढ़ी खीर था। लेकिन, केजीएमयू में ऑपरेशन से पहले ही ट्रैफिक पुलिस से इसको लेकर संपर्क किया गया था। जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस ने ग्रीन कॉरीडोर तैयार किया। एंबुलेंस ने अंगों को सही समय एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया, जहां से अपोलो दिल्ली के लिए रवाना हुए।

आगरा के ललित खन्ना को नया जीवन

सवा 11 बजे की जेट एयरवेज की फ्लाइट से लीवर को दिल्ली ले जाया गया। लगभग दो बजे डॉ। अभिजीत चंद्रा और डॉ। विवेक गुप्ता की टीम लिवर के साथ अपोलो हॉस्पिटल पहुंच चुकी थी। जहां आगरा निवासी ललित खन्ना को लिवर ट्रांसप्लांट किया गया। इसमें पांच घंटे का समय लगा। इसके अलावा सुंदर सिंह की दोनों किडनी पीजीआई में भर्ती दो मरीजों को ट्रांसप्लांट की गईं।

19 लिवर, 13 किडनी

डॉ। अभिजीत चंद्रा ने बताया कि पिछले कुछ सालों में कुल 19 लिवर केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर से निकाले गए, जो पीजीआई व दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ट्रांसप्लांट किए गए। और, 13 किडनी पीजीआई में मरीजों को प्रत्योरोपित की जा चुकी हैं।

अब केजीएमयू में ही होगा ट्रांसप्लांट

केजीएमयू के डॉ। मनमीत सिंह ने बताया कि केजीएमयू में ऑर्गन ट्रांसप्लांट आईसीयू बन रहा है। सितंबर के बाद केजीएमयू में ही ट्रांसप्लांट शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए 8 से 10 मरीज तैयार हैं। अभी तक एक किडनी ही केजीएमयू में ट्रांसप्लांट की जा चुकी है। शेष को पीजीआई ले जाना पड़ता है।

क्या है ग्रीन कॉरिडोर

ट्रैफिक पुलिस मानव अंगों को एक निश्चित समय में एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए रास्ता खाली कराती है। आगे आगे पुलिस की गाड़ी चलती है और पीछे एंबुलेंस। ताकि एंबुलेंस से अंग ले जाते समय या मरीज ले जाते समय ब्रेक न लगाना पड़े। ब्रेक से अंग या मरीज को झटके लगने से दिक्तत हो सकती है। यह हमेशा ऐसी स्थिति मे ही बनाया जाता है जब आपात स्थिति में मरीज का इलाज चल रहा हो। आर्गन ट्रांसप्लांट सुविधाएं शुरू होने के बाद बंगलुरू, कोचीन, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली सहित कई अन्य शहरों ऐसे कॉरिडोर की सुविधा दी जा चुकी है। लखनऊ में गुरूवार को पुलिस ने केजीएमयू की अपील पर यह ग्रीन कॉरिडोर बनाया।

अंग दान से व्यक्ति दुनिया से जाने के बाद भी जीवित रहता है। आप लोगों को जिंदगी दे रहे हैं, इससे बड़ा कोई दान नहीं।

डॉ। वेद प्रकाश, डीएमएस, केजीएमयू

ब्रेन डेड पेशेंट जिसे हम दफनाने या जलाने जा रहे हैं वह 5-7 लेगों को जिंदगी दे सकता है। इसलिए समाज को इसके लिए आगे आना चाहिए।

-प्रो। रविकांत, वीसी, केजीएमयू

जल्द ही केजीएमयू में किडनी, लिवर और हार्ट के ट्रांसप्लांट शुरू कर दिए जाएंगे। इसके लिए आवश्यक जरूरते पूरी की जा रही हैं।

डॉ। मनमीत सिंह, केजीएमयू

कब, कहां पहुंची एंबुलेंस

11.02 न्रू: केजीएमयू से रवाना

11:07 न्रू हजरतगंज चौराहा

11:09 न्रू कटाई पुल

11:12 न्रू: अहिमामऊ शहीद पथ

11:24 न्रू: अमौसी एयरपोर्ट