दर्द भरा भाषण:

पुराने समय में हमारे यहां बेटियों को अशुभ माना जाता था, पर आज भी हमारी मानसिकता में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया है। पर मां, आज तू मुझे थोड़ा सुन ले…तूने मुझे दुनिया में आने से पहले ही मुझे खुद से और इस दुनिया से दूर कर दिया। तब तुझे जरा भी इस बात का खयाल नहीं आया कि एक जन्म होने जा रहा था। 84 लाख योनियों में भटकने के बाद मुझे ये मौका मिलने वाला था। लेकिन तूने एक ही पल में इसे छीन लिया।मुझे इस दुनिया को देखना था, बहुत कुछ जानना था। लेकिन तूने अपने सुख की खातिर मेरी ये सभी उम्मीदें तोड़ दीं। बेटा ही सब कुछ होता है? क्या बेटी तुलसी की क्यारी नहीं होती? पर आज तो सभी के लिए बेटी बोझ का पर्याय बन गई है?"

ये सब भी पूछा:

जी हां ऊपर दिया ये वहीं भाषण है जिसे सीएम तक को रुला दिया है। गुजरात के खेड़ा जिले में हेरंज प्राइमरी स्कूल में 9वीं की स्टूडेंट अंबिका गोहिल ने कन्या भ्रूण हत्या पर यही बोला था। ऐसे में अंबिका की बात खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने उसे गले लगा लिया और उसे चुप कराया। इसके बाद उसके परिवार के बारे में पूछा कि वह कितने भाई-बहन है। इतना ही नहीं भविष्य में उसे क्या बनना है कि ये भी पूछा। जिस पर अंबिका ने बताया कि वह चार बहनों में सबसे बड़ी है। वह बड़े होकर एक डॉक्टर बन कर समाज की सेवा करना चाहती है। गरीबी से निकलना चाहती है। इस पर आनंदी बेन उसे आश्वासन दिया कि उसकी समस्याओं का समाधान होगा।

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