200 से अधिक है शहर में ज्वैलर्स की कुल संख्या
17 सर्राफा कारोबारियों ने ही ले रखा है बीआईएस लाइसेंस
90 फीसदी सर्राफा कारोबारी बिना हॉलमार्किंग वाली ज्वैलरी कर रहे हैं मेकिंग
-गोल्ड ज्वैलरी में हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने जा रही है सरकार
-सिटी में सिर्फ एक ही है ऑथराइज्ड हॉलमार्किंग सेंटर
balaji.kesharwani@inext.co.in
PRAYAGRAJ: हॉलमार्क ज्वैलरी को लेकर रूल्स-रेगुलेशंस टफ होने जा रहे हैं। इसके तहत गवर्नमेंट हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने जा रही है। इसके लिए प्रॉसेस भी शुरू हो चुका है। प्रयागराज में गोल्ड ज्वैलरी की परचेंजिंग करने वालों के लिए यह एक कन्सर्निग प्वॉइंट है। वजह, यहां दो सौ से अधिक ज्वैलर्स के बीच केवल 17 ऐसे हैं जिन्होंने बीआईएस का लाइसेंस ले रखा है। इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि सिटी में सिर्फ एक ही ऑथराइज्ड हॉलमार्किंग सेंटर है।
शुद्धता की पहचान है हॉलमार्किंग
मार्केट में बहुत से ज्वैलर्स हैं जो अब भी बिना हॉलमार्क ज्वैलरी बेच रहे हैं। ज्वैलरी हॉलमार्क है या नहीं इसकी पहचान के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) हॉलमार्किंग को ही सर्टिफाइड माना गया है। इसलिए खरीदने से पहले ज्वैलरी पर त्रिकोण निशान के साथ बीआईएस हॉलमार्किंग जरूर देख लें। गौरतलब है कि बीआईएस ही एकमात्र एजेंसी है जो सोने की शुद्धता जांचने के लिए हॉलमार्किंग करती है।
हॉलमार्क के साथ ऐसे जानें प्योरिटी
22 कैरेट सोने के लिए 22 के 916
18 कैरेट सोने के लिए 18 के 750
14 कैरेट सोने के लिए 14 के 585
ज्वैलरी पर अगर ये नंबर दिखाई दें तो इसका मतलब ये है कि गहनें बीआईएस सर्टिफाइड हैं।
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ज्वैलरी हॉलमार्क नहीं तो यह हैं नुकसान
-अगर आपकी ज्वैलरी नॉन हॉलमार्क है तो आपको लाख चाहने के बावजूद गोल्ड लोन नहीं मिल सकता है।
-आपने चाहे जितने भी रुपए की ज्वैलरी खरीदी हो, लेकिन हॉलमार्क न होने पर घर के सामानों के साथ इसका इंश्योरेंस नहीं सकेंगे। चोरी होने पर क्लेम नहीं मिलेगा।
-अगर दुर्भाग्श्वश आपकी ज्वैलरी लूट ली जाती है तो फिर इसकी एफआईआर भी दर्ज नहीं होगी।
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इन बातों का रखें ध्यान
-हॉलमार्किंग ज्वैलरी खरीदने पर एक्सेस मनी भी चुकानी पड़ती है। बीआईएस की वेबसाइट के अनुसार, हर एक गहने के लिए 35 रुपए और कुछ टैक्स चुकाना पड़ता है। हर कंसाइनमेंट पर कम से कम 200 रुपए और टैक्स चुकाना होता है।
-हॉलमार्किंग तुरंत नहीं की जाती है। हॉलमार्क किए जाने से पहले सोने की शुद्धता जांचने में लगभग पांच से छह घंटे लग सकते हैं।
-अगर आपको अपने हॉलमार्क वाले गहनों से संबंधित कोई शिकायत है, तो आप hallmarking@bis.org.in पर ईमेल भेजकर या 011-23234223 पर कॉल करके बीआईएस से कम्प्लेन कर सकते हैं।
-बीआईएस अप्रूव्ड ज्वैलरी पर मेकिंग चार्जेस करीब 600 रुपए प्रति ग्राम है।
-नॉन बीआईएस अप्रूव्ड ज्वैलरी पर 120 से 200 रुपए प्रति ग्राम है
ऐसे मिलता है बीआईएस का लाइसेंस
-बीआईएस लाइसेंस लखनऊ स्थित कार्यालय से बनता है
-11,500 रुपए में पांच साल के लिए बीआईएस लाइसेंस मिलता है
-बीआईएस का लाइसेंस न लेने वाले व्यापारियों की ज्वैलरी का हॉलमार्क सेंटर पर नहीं हो सकता है
-हालमार्किंग की अनिवार्यता होने पर लाइसेंस धारकों की संख्या बढ़ेगी
बिना हॉलमार्क के ज्वैलरी अब आगे बिकेगी नहीं। बिना लाइसेंस के दुकानदार ज्वैलरी की हॉलमार्किंग नहीं करा सकते हैं। इसलिए आने वाले दिनों में हॉलमार्किंग का लाइसेंस लेने वाले सर्राफा व्यापारियों और कारोबारियों की संख्या बढ़ेगी।
-दिनेश सिंह
सर्राफा व्यापारी
हॉलमार्किंग की अनिवार्यता का फायदा कस्टमर और सर्राफा व्यापारी दोनों को होगा। कुछ लोगों द्वारा की जा रही चीटिंग बंद होगी। वहीं कस्टमर्स का दुकानदार के प्रति विश्वास बढ़ेगा। हम तो पिछले नौ साल से हॉलमार्किंग ज्वैलरी ही बेच रहे हैं।
-हरेंदर पाल सिंह
गुरुनानक ज्वैलर्स, लोकनाथ चौराहा
हॉलमार्किंग के लिए प्रयागराज डिस्ट्रिक्ट में केवल हमारा ही सेंटर बीआईएस से अधिकृत है। हम बीआईएस से लाइसेंस लेने वाले व्यापारियों की ज्वैलरी की ही हॉलमार्किंग करते हैं। लाइसेंस न लेने वाले व्यापारियों के ज्वैलरी की हॉलमार्किंग हमारे यहां नहीं होती है।
-पवन तिवारी
संचालक, इलाहाबाद हॉलमार्किंग सेंटर