बॉलीवुड के लिए गोविंदा
बात करें गोविंदा के फिल्मी कॅरियर की तो उन्होंने बॉलीवुड में अपना कॅरियर 1986 में आई फिल्म 'इल्जाम' से शुरू किया था। गोविंदा अभिनय के साथ-साथ डांस इतना गजब का करते थे कि इस फिल्म की सफलता के बाद गोविंदा की छवि एक डांसिग स्टार के रूप में बनती चली गई। इतना ही नहीं निर्देशकों ने उनकी इस छवि को अपनी फिल्मों में जमकर भुनाया। फिल्म 'इल्जाम' में गोविंदा की जोड़ी नीलम के साथ काफी पसंद की गई थी। इसके बाद अब तक गोविंदा ने बॉलीवुड को अपने तीन दशक के कॅरियर में लगभग 120 फिल्मों का तोहफा दिया है।
1992 के बाद से शुरू हुआ सफलता का करवां
बॉलीवुड में उनकी सफलता की बात करें तो असल मायने में गोविंदा का गोल्डन पीरियड 1992 से शुरू हुआ। इस साल उनकी फिल्म 'शोला और शबनम' आई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस में सफलता के झंडे गाड़ दिए। इसके बाद गोविंदा थमे नहीं और 1993 में आंखें, 1994 में राजा बाबू, 1995 में कुली नंबर 1, 1996 में साजन चले ससुराल, 1997 में हीरो नंबर-1 और दीवाना मस्ताना, बड़े मियां-छोटे मियां, दूल्हे राजा जैसी कई सुपरहिट फिल्में दीं। गोविंदा ने कॅरियर के शुरुआती दौर में एक्ट्रेस सोनम के साथ कई फिल्में कीं, लेकिन उनकी नंबर वन जोड़ी करिश्मा कपूर के साथ ही बनी। आपको बता दें कि फिल्म 'गदर' पहले गोविंदा को ऑफर हुई थी लेकिन उन्होंने यह रोल ठुकरा दिया था, बाद में सनी देओल ने इस फिल्म में लीड रोल में आए।
जब राजनीति में ली एंट्री
गौरतलब है कि गोविंदा ने समाज सेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया। वर्ष 2004 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर वह लोकसभा के सदस्य बने। साल 2007 में प्रदर्शित इनकी फिल्म 'पार्टनर' की सफलता के बाद गोविंदा एक बार फिर से अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए।
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