किशोर कुमार इन्दौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़े थे और उनकी आदत थी कॉलेज की कैंटीन से उधार लेकर खुद भी खाना और दोस्तों को भी खिलाना. उस टाइम में 10-20 पैसे भी बहुत बड़ी बात होते थे ऐसे में किशोर कुमार पर जब कैंटीन वाले के पाँच रुपया बारह आना उधार हो गए तब कैंटीन का ओनर ने उनको पाँच रुपया बारह आने बिल पे करने को कहा तो वे कैंटीन में बैठ कर टेबल पर ही गिलास और चम्मच बजा बजाकर पाँच रुपया बारह सांग को डिफरेंट तरीकों से गाने लगे और इस फन में कैंटीन ओनर की डिमांड इग्नोर हो गयी. बाद में इसी लिरिक्सक के साथ उन्होंने अपना एक सांग बनाया जो बेहद फेमस हुआ. पर सच तो ये है कि कि इस सांग के पीछे की ये स्टोरी किशोर कुमार के बेहद क्लोज लोगों को ही पता है.
किशोर कुमार से जुड़ी एक और इंट्रस्टिंग बात है वो दरसल हमेशा से ही सिंगिंग करना चाहते थे लेकिन उनके एल्डर ब्रदर अशोक कुमार जो उस टाइम हिंदी सिनेमा के बहुत बड़े स्टार थे चाहते थे कि किशोर एक्टिंग करें और उनकी ही तरह स्टार बनें, किशोर में टैलेंट भी था जो उन्होंने बाद में प्रूव भी किया. बहरहाल बड़े भाई के कहने पर उन्होंने फिल्मों में एक्टिंग में अपने करियर की शुरूआत की और उनकी उस दौर में आई कई फिल्मों में फेमस सिंगर मोहम्मद रफी ने उनके लिए प्ले बैक किया. मोहम्मद रफी ने फिल्म 'रागिनी' और 'शरारत' में किशोर कुमार के लिए प्ले बैक किया तो उन्होंने फीस में सिर्फ एक रुपया ही लिया. अपने सिंगिंग करियर के लिए काम मांगने किशोर कुमार सबसे पहले एस डी बर्मन के पास गए थे. जिन्होंने पहले भी उन्हें 1950 में बनी फिल्म 'प्यार' में गाने का मौका दिया था. एस डी बर्मन ने उन्हें फिर 'बहार' फिल्म में एक गाना गाने का मौका दिया, 'कुसूर आप का' और यह गाना बहुत हिट हुआ.
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