कानपुर। भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाज पार्थिव पटेल का जन्म 9 मार्च 1985 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। पार्थिव बचपन से ही काफी टैलेंटेड रहे हैं। यही वजह है कि बल्लेबाजी के अलावा विकेटकीपिंग में भी वह काफी जबरदस्त है। पटेल के हुनर ने उन्हें टीम इंडिया में बहुत जल्दी इंट्री दिलवा दी। साल 2002 में जब विराट कोहली गली क्रिकेट खेला करते थे, तब पार्थिव ने टीम इंडिया में इंट्री मार ली थी। उस वक्त पटेल की उम्र सिर्फ 17 साल 152 दिन थी। इसी के साथ पार्थिव टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे युवा विकेटकीपर बन गए थे। यह रिकॉर्ड आज भी पार्थिव के नाम है।

धोनी के चलते टीम से हुए बाहर

पार्थिव सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं विकेटकीपिंग में भी उन्हें महारथ हासिल थी। मगर उनकी यही ताकत उनके लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाएगी, यह किसी ने सोचा न था। पार्थिव ने धोनी के वनडे डेब्यू से दो साल पहले ही टीम इंडिया में इंट्री मारी थी। उस वक्त टीम इंडिया को एक बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाज की तलाश थी जिसमें पार्थिव पूरे खरे उतर रहे थे। जब-तक वह टीम के परमानेंट सदस्य बनते, इधर धोनी टीम इंडिया में आ चुके थे। माही के आने के बाद पार्थिव के करियर पर जैसे ग्रहण लग गया। धोनी दिनोंदिन तरक्की करते गए और कप्तान बन गए और पार्थिव को टीम में रखने का कोई मकसद नहीं बचा।

17 साल में किया था डेब्यू

35 साल के हो चुके पार्थिव ने भारत के लिए बहुत कम उम्र में खेलना शुरु कर दिया था। क्रिकइन्फो पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, पटेल ने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला मैच 2002 में रात्रा के घायल हो जाने पर इंग्लैंड के विरुद्घ नॉटिंघम में खेला। पार्थिव पहली पारी में वह शून्य पर आउट हो गए थे लेकिन अंतिम दिन उन्होंने एक घंटे से भी अधिक समय तक बल्लेबाजी की थी और मैच ड्रा कराया था।

आठ साल बाद की थी वापसी

पार्थिव की यह उपलब्धि भी उन्हें ज्यादा दिन तक टीम में रख नहीं पाई। डेब्यू के शुरुआती छह सालों में पार्थिव को सिर्फ 24 टेस्ट मैचों में खेलने का मौका मिला। 2008 के बाद तो मानों वह गायब ही हो गए और करीब आठ साल तक टीम इंडिया से दूर रहे। पार्थिव ने साल 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया में फिर वापसी की। इसी के साथ एक और अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया। उनके नाम सबसे अधिक मैच मिस (दो मैच के बीच गैप) करने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ। 2008 से 2016 के बीच भारतीय टीम ने 83 टेस्ट खेले। तब पार्थिव ने पियूष चावला (49 टेस्ट) का रिकॉर्ड तोड़ा था।

नहीं लगाया कोई अंतरर्राष्ट्रीय शतक

वनडे क्रिकेट की बात करें तो पार्थिव ने 2003 में न्यूजीलैंड के खिलाफ क्वींसटाउन में पहला वनडे खेला था। तब से लेकर अब तक 16 साल बीत गए मगर पार्थिव को सिर्फ 38 वनडे मैचों में मौका मिला। जिसमें उन्होंने 23.74 की एवरेज से 736 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से कोई शतक तो नहीं निकला मगर चार हॉफसेंचुरी जरूर लगा गए। फिलहाल पार्थिव आठ साल से वनडे से भी बाहर हैं।

अब आईपीएल में ही आते हैं नजर

इंटरनेशनल क्रिकेट में पार्थिव की छुट्टी भले हो गई मगर आईपीएल में वह कई टीमों की तरफ से खेल चुके हैं। इसमें चेन्नई सुपर किंग्स, डेक्कन चार्जर्स, मुंबई इंडियंस, सनराइजर्स हैदराबाद हैं। टी-20 करियर पर नजर डालें तो इस बल्लेबाज ने अब तक 204 मैच खेले हैं जिसमें 22.87 की औसत से 4300 रन बनाए। हालांकि क्रिकेट के इस छोटे फॉर्मेट में वह कभी शतक तो नहीं लगा पाए तो मगर आईपीएल में कई मैच विनिंग इनिंग खेली हैं।

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