यह है पूरा मामला
पूरे मामले पर गौर करें तो दिग्विजय सिंह ने भाजपा सांसद अजय संचेती के संग नितिन गडकरी के व्यापारिक संबंध होने का आरोप मढ़ा था. उन्होंने गडकरी पर साफ लफ्जों में यह आरोप लगाया था कि संचेती को कोयला खदान आवंटन के बदले 490 करोड़ रुपये दिए गए थे. इस आरोप को लेकर भाजपा नेता ने एक अक्टूबर 2012 को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था.

कोर्ट ने रद्द कर दिया था आवंटन को
यहां यह भी बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से बाद में संचेती के लिए कोयला खदान के आवंटन को रद्द कर दिया था. कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में नितिन गडकरी ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) व 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत मुकदमा शुरू कराने की मांग की थी. यहां दर्ज अपने बयान में नितिन गडकरी ने दिग्विजय सिंह की ओर से अपने ऊपर लगाए गए संचेती संग व्यापारिक संबंधों को सिरे से खारिज कर दिया है.

गडकरी ने बताया अदालत को
अपने बयान में गडकरी ने अदालत को यह बताया है कि दिग्विजय सिंह ने उनसे कहा था कि संचेती को कोयला खदान का आवंटन कराने के लिए पूरी तरह से वह जिम्मेदार हैं. गडकरी के अनुसार उनका यह आरोप पूरी तरह से झूठा है. इसको लेकर गडकरी का कहना है कि दिग्विजय सिंह ने उनपर यह आरोप उनकी छवि को धूमिल करने के लिए लगाया था. इसके मद्देनजर उन्होंने दिग्विजय सिंह पर मानहानि का आरोप मढ़ा है. इसके तहत कोर्ट की ओर से दिग्विजय सिंह के लिए 17 नवंबर 2012 को सम्मन जारी किया गया था. कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वह नियत समय और तारीख पर कोर्ट पहुंच गए. उसके बाद उनको कोर्ट की ओर से जमानत दे दी गई थी.

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