पटना (ब्यूराे)। पीएंडएम मॉल के पास परिवेश भवन के पास की गलियों से गुजरना खतरे से खाली नहीं है। दिक्कत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि गाड़ी से रोजाना गुजरने वाले भी पानी से भरे गड्ढों में फंस जा रहे हैं। गली से गुजर रहे अब्दुल ने बताया कि इतनी बारिश तो पहली बार देख रहा हूं। गर्मी से राहत देने वाली बारिश अब मुसीबत बन गई है। बारिश के मौसम से पहले न यहां की सड़कों को दुरुस्त किया और न नालियां तैयार की गईं जिसका असर अब सामने दिख रहा है। पैदल चलने वालों का तो और भी बुरा हाल है। घर से बाहर आना मतलब कपड़े पूरी तरह खराब करना है। तबियत भी खराब हो सकती है।

घरों में कपड़े सुखाने की जगह ही नहीं बची

आसियान में कुछ गलियों का छोड़ दें तो बाकी गलियों में इतनी दयनीय स्थिति है कि पुरुष तो किसी तरह मैनेज कर रहे हैं लेकिन महिलाओं और बच्चों का तो घर से निकलना दूभर हो चुका है। यहां रहने वाली जानकी देवी ने बताया कि बुखार है डॉक्टर के पास जाने की लिए ऑटो या ई रिक्शा ढूंढने में आधे घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। इस साल की बारिश ने बहुत परेशान कर दिया है, घरों में कपड़े सुखाने की जगह ही नहीं बची हैं।

मेन रोड पर दो फीट से ज्यादा पानी

काली मंदिर के पास गांधी मैदान को जाने वाली मुख्य सड़क पर दो फीट से भी ऊपर पानी भर गया है। लोग डर से गाड़ी को डिवाइडर के पास से निकालने को मजबूर हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे काम को लेकर कई सड़कों को लाइन बिछाने के लिए खोद देने के कारण किनारे मिट्टी पड़ी है जिससे कीचड़ सा हो गया है जिससे ब्रेक लगाने से गाडिय़ों के टायर भी बार-बार फिसल रहे हैं। स्थानीय निवासी मनोज ने बताया कि लाइट भी नहीं आ रही है जिससे घर में अंधेरा हो गया है।

भारी बारिश से पटना का हाल बेहाल, फंसे लोगों को निकालने राजेंद्रनगर पहुंची सेनागाड़ी फंसी तो घंटों की मशक्कत

कुछ ही दिन पहले नेहरु नगर से राजापुर पुल की ओर जाने वाली सड़क पर निगम ने सड़क चौड़ी करने के लिए बीच सड़क से किनारे पर खोद दिया है। चार दिनों से जारी भीषण बारिश से पूरा एरिया लबालब भरा हुआ है। इससे अनजान व्यक्तियों को बहुत दिक्कत हो रही हैं। कहीं कोई गिर रहा है तो कहीं किसी की गाड़ी फंसने से घंटो उसे निकालने में मशक्कत करनी पड़ रही है।

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