शिमला (एएनआई / पीटीआई)। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का निधन हो गया है। 87 वर्षीय वयोवृद्ध कांग्रेस नेता ने लंबी बीमारी के बाद तड़के यहां इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में अंतिम सांस ली। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर छा गई है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सम्मान में तीन दिन का राजकीय शोक मनाने का फैसला किया। शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जनक राज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह की कोरोना वायरस के बाद की जटिलताओं से मृत्यु हो गई।

इसके अलावा उन्हें मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं

डॉक्टर जनक ने कहा कि वीरभद्र सिंह को 30 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह हमारे डॉक्टरों की टीम की निरंतर निगरानी में थे। दो दिन पहले उनकी हालत बिगड़ी और सुबह करीब चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वह कोविड से ठीक हो गए थे लेकिन उनमें निमोनिया जैसे लक्षण थे। इसके अलावा उन्हें मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं। सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें 2 दिन पहले वेंटिलेटर पर स्थानांतरित कर दिया गया था।

विक्रम सेन ने वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया

इसी बीच वीरभद्र सिंह की बेटी अपराजिता सिंह इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचीं। कांग्रेस नेता विक्रम सेन ने वीरभद्र सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया। विक्रम सेन ने दुख जताते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह ने लोगों के लिए काम किया था। कांग्रेस पार्टी में एक शून्य पैदा हो गया है। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जो नौ बार के विधायक और पांच बार के संसद सदस्य हैं। उन्होंने छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया।

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