आई फॉलोअप

-आई नेक्स्ट की तफ्तीश पर लगी मोहर, पीडि़त भाई ने विवेचक को भेजा लिखित बयान

-तीनों बिगड़ैल अरीब, शिवाय और अबुजर पर लगाया आरोप

-कोर्ट में भी पहुंचा मामला, छह अगस्त को रिपोर्ट तलब की गई

KANPUR : वीआईपी रोड के हिट एंड रन केस का गुनहगार कौन है, अब इस सवाल से पर्दा उठ गया है। पीडि़त भाई ने बयान देकर 'गुनहगारों' के चेहरे को बेनकाब कर आई नेक्स्ट की तफ्तीश पर भी मोहर लगा दी है। उसके बयान के मुताबिक, इस कांड के एक-दो नहीं, बल्कि तीन बिगड़ैल दोस्त गुनहगार हैं। जिन्होंने जानबूझकर कार रेसिंग करते हुए उसके भाई की जान लेने के साथ ही परिवार की खुशियों को रौंदा है। वो अभी तक पुलिस की कार्रवाई की इंतजार कर रहे थे, लेकिन पुलिस की हीलाहवाली को देखते हुए उसने खुद ही लिखित बयान विवेचक को भेज दिया है। अब वो कोर्ट के जरिए उनको सजा दिलाने के लिए पैरवी करने में जुट गया है। अब आपको बताते हैं कि पीडि़त भाई ने क्या बयान दिया है और इस कांड के गुनहगार कौन है?

जान लीजिए उन तीनों को

इस कांड के दो गुनहगारों के बारे में आई नेक्स्ट आपको इशारों में पहले ही बता चुका है। अब इनके बारे में खुलकर जान लीजिए। इस कांड का पहला गुनहगार कांग्रेसी नेता के भाई जहीर अली बेग का बेटा अरीब अली बेग है। अरीब ने ही कार रेसिंग करते हुए रेस्टोरेंट मालिक खेमचंद्र की बुलेट पर टक्कर मारते हुए उस पर कार चढ़ा दी थी, जबकि अन्य दो गुनहगार उसके बिगड़ैल दोस्त शिवाय गुप्ता और अबुजर हैं। जिसमें शिवाय को ही कार रेसिंग का शौक है। उसे ही कॉन्वेंट स्कूल के बच्चे हाउ मच नाम से जानते हैं। वहीं, अबुजर सिविल लाइन स्थित एम्पायर स्टेट अपार्टमेंट में रहने वाला है। ये घटना के साथ अरीब के साथ उसकी कार में बैठा था।

मालूम था, मौत हो सकती है

भाई की मौत के गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए दर-दर भटक रहे पीडि़त भाई ने लिखित बयान दिया है। उसके बयान के मुताबिक तीन आरोपी करीबी दोस्त और रईस फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। वे कार से ही चलते हैं। इसलिए उन्हें अच्छी तरह से मालूम था कि कार रेसिंग करना जुर्म है और अगर वे कार रेसिंग करते हैं तो उनके इस कृत्य से किसी की भी जान भी जा सकती है। इसके बाद भी तीनों वीआईपी रोड पर कार रेस कर रहे थे। वे आगे निकलने की होड़ में तेज रफ्तार कार चलाकर हादसे को दावत दे रहे थे। इसी बीच अरीब ने शिवाय की कार को ओवरटेक करने के चक्कर में सामने से आ रहे बुलेट सवार उसके भाई को रौंद दिया। पीडि़त का आरोप है कि तीनों बिगड़ैल दोस्त उसके भाई की मौत के जिम्मेदार हैं।

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ताकि बयान न बदल सके

इस कांड में शुरुआत से ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे थे। उनकी हीलाहवाली का प्रमाण ही है कि वे विवेचना शुरू करने के लिए तेरहवीं होने का इंतजार कर रहे थे। उनकी हीलाहवाली से साफ हो गया था कि वे आरोपियों को बचाना चाहते हैं। इसलिए पीडि़त का भी उनसे भरोसा उठ गया था। उसे डर था कि अगर सीधे विवेचक को बयान देगा तो विवेचक उसके बयान बदल देंगे। इसलिए उसने शपथपत्र में बयान दर्ज कराकर रजिस्टर्ड डाक के जरिए विवेचक को भेजकर एफआईआर में तीन बिगड़ैल दोस्तों का नाम बढ़ाने की मांग की है।

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तो धारा 304 (2) बढ़ जाएगी

इस कांड में पीडि़त भाई की पैरवी एडवोकेट तत्वेश कर रहे हैं। उन्होंने आई नेक्स्ट को बताया कि वो कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जल्द से जल्द पीडि़त के बयान को केस डायरी में दर्ज कराने की मांग करेंगे। उनका कहना है कि पीडि़त के बयान से साफ है कि तीन बिगड़ैल दोस्तों ने जानबूझकर ऐसा काम किया है। जिससे किसी की मौत हो गई। ऐसे में पीडि़त के बयान से आरोपियों पर 304 (2) की धारा बढ़ जाएगी। यह संगीन धारा है। इसमें दस साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

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कोर्ट ने छह अगस्त को रिपोर्ट तलब की

पीडि़त भाई को गुनहगारों के रसूख और सेटिंग के बारे में मालूम है। इसलिए उसने कोर्ट में भी अर्जी दाखिल कर दी है। एडवोकेट तत्वेश के मुताबिक कोर्ट ने उनकी अर्जी को संज्ञान लेते हुए विवेचक को छह अगस्त को रिपोर्ट समेत तलब कर लिया है।