कानपुर (ब्यूरो)। जरा सोचिए, दर्द में दुआ तो मिले पर दवा न मिले तो मर्ज का क्या हाल होगा। कुछ ऐसा ही हाल है नगर निगम के कई वार्डो का। लंबे समय से एरिया में बिना स्ट्रीट लाइट के अंधेरे में रहने वाले ११० वार्डो को नगर निगम ने १४-१४ स्ट्रीट लाइट की सौगात तो दे दी, पर अब भी इलाके रोशन नहीं हो सके। इसके पीछे वजह है कि स्ट्रीट लाइट की फिटिंग के लिए लगने वाले अन्य संसाधन व कनेक्शन करने वाले तार कई पार्षदों को नहीं मिला। जिसके वजह से स्ट्रीट लाइट पार्षदों के ऑफिस की शोभा तो बढ़ा रही है पर रोड पर अंधेरा कायम है।

नगर निगम बोला, बजट नहीं है
गलियों का अंधरो दूर करने के लिए नगर निगम ने सभी ११० वार्ड के पार्षदों को १४-१४ स्ट्रीट लाइट दी हैं। एक स्ट्रीट लाइट की अनुमानित कीमत करीब ४३०० रुपये है। एक स्ट्रीट लाइट को पोल में लगने व कनेक्शन के लिए करीब २० से २५ मीटर तार की जरूरत होती है। १० रुपये मीटर के अनुमानित रेट के हिसाब से एक स्ट्रीट लाइट में करीब २५० रुपये कीमत के तार का खर्च आता है। मतलब पांच हजार की स्ट्रीट लाइट तो मिल गई लेकिन उसके कनेक्शन के लिए ढाई सौ रुपये का तार नगर निगम नहीं दे पा रहा, क्योंकि उनके पास इसका बजट नहीं है।

महीनों से कर रहे थे डिमांड
पूरे शहर में स्ट्रीट लाइट खराब होने व बंद होने के चलते कई एरिया अंधेरे में डूूबे हुए हैं। पार्र्षद महीनों से लगातार स्ट्रीट लाइट की डिमांड कर रहे थे लेकिन नगर निगम के कान में जू तक नहीं रेंग रही थी। स्ट्रीट लाइट का मुद्दा नगर निगम के सदन में गूंजा तो नगर निगम ने आश्वासन दिया और उसके दो महीने बाद पार्षदों को स्ट्रीट लाइट मुहैया करा दी गई। हालांकि स्ट्रीट लाइट मिलने के बाद भी अब तक अंधेरे पड़े एरिया रोशन नहीं हो पा रहे हैं।

पोल से कैसे हो कनेक्शन
नगर निगम के कुछ वार्डों को तो राहत मिल गई। कई पार्र्षदों का कहना है कि उन्हें लाइट के साथ-साथ तार व अन्य संसाधन मिले हैं लेकिन ज्यादातर पार्षदों की कंप्लेन है कि उन्हें लाइट तो मिली लेकिन पोल में कनेक्शन करने के लिए अन्य संसाधन व तार का बंडल नहीं मिला। अब कुछ पार्षद अपनी जेब से खर्च कर पब्लिक की कंप्लेन को दूर कर रहे हैं तो कुछ नगर निगम से तार मिलने का इंतजार कर रहे है।