- नाइंथ व इलेवेंथ के कोर्स नहीं हो सके पूरे

- आधे कोर्स के आधार पर ही होगा फाइनल होम एग्जाम

<- नाइंथ व इलेवेंथ के कोर्स नहीं हो सके पूरे

- आधे कोर्स के आधार पर ही होगा फाइनल होम एग्जाम

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: यूपी बोर्ड के स्कूलों को सीबीएसई के पैटर्न पर लाने के सरकार के फैसले का प्रभाव कई जगह दिखने लगा है। अचानक आए फैसले का असर ही है कि इस बार फाइनल होम एग्जाम आधे अधूरे कोर्स के साथ आयोजित होगा। इसके पीछे मुख्य कारण स्कूल के प्रिंसिपल समय की कमी को बता रहे हैं। इसके साथ ही जो कोर्स बचा रह जाएगा, वो नेक्स्ट क्लास में पूरा कराने पर फोकस किया जा रहा है। जिससे ट्वेल्थ व टेंथ क्लास में कोर्स का बोझ बढ़ जाएगा। कुल मिलाकर स्कूल से लेकर बच्चों तक इस फैसले का असर दिखना शुरू हो गया है। स्कूल भी पढ़ाये जा चुके कोर्स को ही तैयार कराने पर सबसे अधिक फोकस कर रहे हैं।

फरवरी के फ‌र्स्ट वीक में हो सकते हैं एग्जाम

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाएं क्9 फरवरी से शुरू हो रही हैं। ऐसे में होम एग्जाम कराने के लिए स्कूलों के पास समय की कमी हो गई है। जिले के कई स्कूल के प्रिंसिपल ने इसका हल निकाला है। जिसके हिसाब से फाइनल होम एग्जाम फरवरी के फ‌र्स्ट वीक में ही करा लिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के पदाधिकारी व सेवा समिति विद्या मंदिर के प्रिंसिपल बृजेश शर्मा ने बताया कि कुछ स्कूल बोर्ड परीक्षा के बीच होम एग्जाम कराने की बात कह रहे हैं, लेकिन वास्तविकता में ये कार्य सम्भव नहीं है। बोर्ड परीक्षा के दौरान टीचर्स की कमी भी रहती है। ऐसे में ये कार्य ठीक से संचालित नहीं किया जा सकता। इसलिए ज्यादातर स्कूल ने बोर्ड परीक्षा के पहले ही सभी क्लासेज के होम एग्जाम कराने का फैसला लिया है। जिसके लिए फरवरी मंथ के फ‌र्स्ट वीक में ही होम एग्जाम कराने की तैयारी है। वहीं केपी ग‌र्ल्स इंटर कालेज की प्रिंसिपल का कहना है कि फिलहाल उनकी तैयारी बोर्ड एग्जाम के बीच में फाइनल होम एग्जाम कराने की है। इसको लेकर सभी बिन्दुओं पर चर्चा की जा रही है। जिससे बच्चों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो और परीक्षाएं भी आसानी से संचालित की जा सकें।

नेक्स्ट इयर बढ़ जाएगा कोर्स

सेवा समिति विद्या मंदिर इंटर कालेज के प्रिंसिपल का कहना है कि शासन की ओर से जारी जारी सिलेबस के अनुसार अभी तक कोर्स का आधा हिस्सा ही पूरा हो सका है। लेकिन अचानक हुए इस आदेश के बाद समय से समय से कोर्स पूरा कराना संभव नहीं है। ऐसे में अगर कोर्स को पूरा कराने का प्रयास किया भी गया तो बच्चों को बेहद समस्या होगी। जो कोर्स उन्होंने पढ़ा है, वो भी भूल जाएंगे। उसकी तैयारी भी ठीक से नहीं हो सकेगी। इसलिए ये निर्णय लिया गया कि जितना कोर्स पढ़ाया जा चुका है, उसी के आधार पर फाइनल होम एग्जाम कराया जाय। जिससे बच्चों को सहूलियत हो सके।