फ़िल्म में अभिनेत्री नाओमी वाट्स ने डायना का किरदार निभाया है. फ़िल्म गुरुवार को लंदन में रिलीज़ हुई.

इस फ़िल्म में भारतीय मूल के अभिनेता नवीन एंड्र्यूज़ ने दिल के सर्जन हसनत ख़ान का किरदार निभाया है, जिनसे डायना का दो साल तक प्रेम प्रसंग चला था.

फ़िल्म बनाने वाली कंपनी का कहना है कि उन्होंने "डायना के जीवन के आखिरी सालों को लेकर पैनी नज़र वाली और संवेदनशील फ़िल्म बनाने का बीड़ा उठाया था." आलोचकों ने इस फ़िल्म को "भयानक और दखल देने वाला" बताया है.

'बेहद, बेहद फीकी'

आपको कैसी लगी 'डायना'?द टाइम्स की फ़िल्म आलोचक केट मुइर ने फ़िल्म को एक स्टार दिया है. केट ने फ़िल्म की "छटपटाती हुई शर्मनाक स्क्रिप्ट" को निशाना बनाया है.

द मिरर के डेविड एडवर्ड्स ने फ़िल्म को "सस्ती और उत्साहहीन कोशिश बताया है, जो चैनल 5 की हफ़्ते के बीच में दोपहर में दिखाई जाने वाली फ़िल्म जैसी लगती है."

इसी तरह डेली मेल में क्रिस्टोफ़र टूकी ने भी फ़िल्म को एक स्टार दिया है. टूकी ने फ़िल्म को "बेहद, बेहद फीका" बताया है.

टूकी लिखते हैं, "फ़िल्म उतनी सनसनीखेज़ या भद्दी नहीं है जितना डर था लेकिन शाही परिवार को कुछ ज़्यादा दिखाया गया है."

गार्डियन में पीटर ब्रैडशॉ ने लिखा, "मैं 'कार क्रैश ड्रामा' शब्द का इस्तेमाल करने में हिचकूंगा लेकिन दुखद सच यह है कि साल 1997 के उस भयानक दिन के 16 साल बाद, उनकी एक बार फिर दुखद मौत हुई है."

द इम्पॉसिबल और 21 ग्राम के लिए ऑस्कर में नामांकित होने वाली वाट्स की भी आलोचना की गई है.

वाट्स की आलोचना

ब्रैडशॉ ने लिखा है, "वाट्स ने जो छाप छोड़ी है, वो कुछ ऐसी है..हिरण जैसी आंखों के साथ लुभाना और उलाहने देना. वो ऐसी दिखती हैं जैसे जैफ़री आर्चर के लिखे दो घंटे के स्पिटिंग इमेज स्केच (एक ब्रिटिश शो जिसमें कठपुतलियों का इस्तेमाल होता था) में हों."

आपको कैसी लगी 'डायना'?

डेविड एडवर्ड्स ताना देते हैं, "वाट्स न वेल्स की राजकुमारी जैसी दिखती हैं, न अभिनय करती हैं और न वैसी महसूस होती हैं. सुनहरे बालों वाले विग में वेज़्ले स्नाइप्स (अमरीकी अभिनेता) ज़्यादा विश्वसनीय लगते."

द इंडिपेंडेंट के जैफ़री मक्नैब ने फ़िल्म को तीन स्टार दिए हैं. उन्होंने वाट्स के "गंभीर अभिनय" की तारीफ़ की है लेकिन कहते हैं कि 44 साल की वाट्स "उस किरदार जैसी नहीं लगतीं, जिसे वह निभा रही हैं."

वह लिखते हैं, "फ़िल्म की जो बात निराश करती है वो यह है कि मिज़ाज में अचानक कई बदलाव आते हैं."

हालांकि द डेली एक्सप्रेस ने लिखा है कि यह "इस पतझड़ में देखने लायक फ़िल्म है जो दर्शकों को रुला देगी."

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