18 वर्षीय साइंटिस्ट शालिनी को इनोवेशन वाकर विथ एडजस्टेबल के लिए 2011 में इग्नाइट अवार्ड मिल चुका है। यह अवार्ड अहमदाबाद में पूर्व राष्ट्रपति डॉ अदुल कलाम आजाद के हाथों मिला था। इसके अलावा भी शालिनी को देश-विदेश के कई पुरस्कार मिल चुके हैं। दिसंबर 2014 में इंडियन मर्चेंट्स चैंबर इंक्लूसिव एवार्ड 2014 मुंबई में दिया गया। फस्र्ट अवार्ड के रूप में शालिनी को दो लाख रुपए के चेक के साथ ट्रॉफी और सर्टिफिकेट मिला। लोरियल्स पेरिस फेमिना रीडर्स च्वाइस अवार्ड 2015 साइंस एवं इनोवेशन अवार्ड मिल चुका है। शालिनी की मानें तो उसका चयन डीजीवीआईएस बिजनेस मॉडल अवार्ड के लिए जून 2015 में कोरिया जाना था, लेकिन पासपोर्ट नहीं होने के कारण नहीं जा सकी। शालिनी ने बताया कि वह डॉक्टर बन कर सोसाइटी में बुजुर्गों का हेल्प करना चाहती है। इसके लिए मेडिकल इंट्रेंस की तैयारी कर रही है.
क्या है वाकर विथ एडजस्टेबल लेग
तीन-चार साल पहले शालिनी के दादा जी लखन लाल भगत को छत पर चढऩे के दौरान पांव में मोच आ गई थी। ग्राउंड प्लोर पर किसी तरह वाकर के साथ चल लेते थे। लेकिन
सर्दियों के मौसम में रोज छत पर धूप में बैठने की जिद करते थे। ऐसे में उन्हें गोद में लेकर चढऩे-उतरने में काफी परेशानी होती थी.
वहीं सामान्य वाकर के सहारे छत पर चढऩा संभव नहीं था। दादा के इसी परेशानी ने शालिनी के दिमाग में एक आइडिया को जन्म दिया। उसने सोचा कि क्यों नहीं वाकर को पांव की तरह मुडऩे के लायक बना दिया जाए। ताकि सीढ़ी पर चढऩे के लिए वाकर फोल्ड हो सके.
वाकर को बनाना चाहती है मॉर्डन
वाकर को लगातर अपडेट किया जाता रहा है। वाकर में क्लच लगा है। क्लच को दबाने के साथ वाकर स्टीयर अप एंड डाउन होता है। अप एंड डाउन की सुविधा होने के कारण इसे लेकर आसानी से ओल्ड मैन सीढिय़ों पर आसानी से चढ़ सकता है। शालिनी अपने इनोवेशन को मॉर्डन बनाने के लिए उसमें अलार्म, वाटर बॉटल स्टैंड व फोल्डिंग शीट लगाना चाहती है.
कौन है शालिनी
18 वर्षीय साइंटिस्ट शालिनी को इनोवेशन वाकर विथ एडजस्टेबल के लिए 2011 में इग्नाइट अवार्ड मिल चुका है। यह अवार्ड अहमदाबाद में पूर्व राष्ट्रपति डॉ अदुल कलाम आजाद के हाथों मिला था। इसके अलावा भी शालिनी को देश-विदेश के कई पुरस्कार मिल चुके हैं। दिसंबर 2014 में इंडियन मर्चेंट्स चैंबर इंक्लूसिव एवार्ड 2014 मुंबई में दिया गया। फस्र्ट अवार्ड के रूप में शालिनी को दो लाख रुपए के चेक के साथ ट्रॉफी और सर्टिफिकेट मिला। लोरियल्स पेरिस फेमिना रीडर्स च्वाइस अवार्ड 2015 साइंस एवं इनोवेशन अवार्ड मिल चुका है। शालिनी की मानें तो उसका चयन डीजीवीआईएस बिजनेस मॉडल अवार्ड के लिए जून 2015 में कोरिया जाना था, लेकिन पासपोर्ट नहीं होने के कारण नहीं जा सकी। शालिनी ने बताया कि वह डॉक्टर बन कर सोसाइटी में बुजुर्गों का हेल्प करना चाहती है। इसके लिए मेडिकल इंट्रेंस की तैयारी कर रही है.
क्या है वाकर विथ एडजस्टेबल लेग
तीन-चार साल पहले शालिनी के दादा जी लखन लाल भगत को छत पर चढऩे के दौरान पांव में मोच आ गई थी। ग्राउंड प्लोर पर किसी तरह वाकर के साथ चल लेते थे। लेकिन
सर्दियों के मौसम में रोज छत पर धूप में बैठने की जिद करते थे। ऐसे में उन्हें गोद में लेकर चढऩे-उतरने में काफी परेशानी होती थी।
वहीं सामान्य वाकर के सहारे छत पर चढऩा संभव नहीं था। दादा के इसी परेशानी ने शालिनी के दिमाग में एक आइडिया को जन्म दिया। उसने सोचा कि क्यों नहीं वाकर को पांव की तरह मुडऩे के लायक बना दिया जाए। ताकि सीढ़ी पर चढऩे के लिए वाकर फोल्ड हो सके.
वाकर को बनाना चाहती है मॉर्डन
वाकर को लगातर अपडेट किया जाता रहा है। वाकर में क्लच लगा है। क्लच को दबाने के साथ वाकर स्टीयर अप एंड डाउन होता है। अप एंड डाउन की सुविधा होने के कारण इसे लेकर आसानी से ओल्ड मैन सीढिय़ों पर आसानी से चढ़ सकता है। शालिनी अपने इनोवेशन को मॉर्डन बनाने के लिए उसमें अलार्म, वाटर बॉटल स्टैंड व फोल्डिंग शीट लगाना चाहती है।
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