दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित इस समारोह में वो सलमान ख़ान और माधुरी दीक्षित जैसे सितारों के साथ शामिल हुई थीं और उसके लिए उनकी कड़ी आलोचना हुई थी. तर्क दिया गया कि ऐसे समय में जब राज्य में मुज़फ़्फरनगर दंगा पीड़ित लोग राहत कैंपों में भयानक ठंड और बीमारियों से जूझ रहे हैं तब बॉलीवुड सितारों का ऐसे रंगारंग कार्यक्रम में हिस्सा लेना ग़लत था. इस पूरे विवाद के बाज जब आलिया भट्ट पहली बार मीडिया से रूबरू हुईं तो इस पर उनसे सवाल पूछा जाना लाज़िमी था.
मौक़ा था आलिया की आने वाली फ़िल्म 'हाईवे' के प्रमोशन का लेकिन पत्रकारों की रुचि सैफ़ई महोत्सव से जुड़े सवाल पूछे जाने पर ज़्यादा थी. आलिया ने इस पूरे विवाद का बेहद संक्षिप्त जवाब देकर मौन साध लिया. आलिया ने कहा, "मुझे जो कहना था, वो कह चुकी. अब मैं इस मामले पर कुछ भी नहीं बोलूंगी."
आलिया के इस समारोह में हिस्सा लेने के बाद उनके पिता महेश भट्ट ने एक समाचार चैनल को बताया था कि आलिया इसके बाद काफ़ी शर्मिंदा थीं और उन्होंने इस समारोह से मिली रकम को दंगा पीड़ितों को देने का फ़ैसला किया था. हालांकि इस मामले में अभिनेता सलमान ख़ान ने आलिया का समर्थन करते हुए कहा था, कि उन्होंने कुछ भी ग़लत नहीं किया है और महेश भट्ट को उनकी तरफ़ से माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए.
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