बिजली कंपनियों को मिले निर्देश
इसी क्रम में बिजली मंत्री कहते हैं कि अगर किसी कारण से बिजली की कमी होती भी है तो ऐसी स्थिति में भी एक घंटे से ज्यादा बिजली कटौती नहीं की जाएगी. इस विषय में इन्होंने तीनों बिजली कंपनियों के CEO को निर्देश जारी कर दिए हैं कि ऐसी स्थितियों में अगर एक घंटे बिजली कटौती की नौबत आती भी है तो वह भी रोटेशन के आधार पर होगी. ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए कि सिर्फ एक ही क्षेत्र के लोग बिजली कटौती की मार झेलेंगे.  
हमेशा सही रखें कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर
बताते चलें कि बिजली मंत्री ने यह निर्देश जेजे कलस्टर्स में बिजली कंपनियों की ओर से बिजली कटौती करने की रिपोर्ट आने के बाद जारी किए हैं. उनका कहना है कि अगर बिना किसी खास कारण के लोगों के घरों में बिजली काटी गई, तो ऐसे मामले में बिजली कंपनियों के खिलाफ गंभीरता के साथ विचार किया जाएगा.  इसको लेकर जारी निर्देश में यह कहा गया है कि इस क्रम में बिजली कंपनियां इस बात का भी पूरा-पूरा ध्यान रखें कि कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर ठीक से काम करें.

विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को दे जानकारी
इस बात के भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि भले हेल्पलाइन नंबर्स पर लोगों की शिकायतों की भरमार लग जाए, लेकिन ये नंबर्स हमेशा ठीक से काम करते रहें. इनमें किसी भी तरह की अगर कोई तकनीकि खराबी आए, तो उसे तुरंत ठीक कराएं. इसके बाद बिजली कंपनियों को ये भी निर्देश मिले हैं कि अगर एमरजेंसी में बिजली कटौती की नौबत बन भी जाए, तो वो रोटेशन के हिसाब से की जाए. इतना ही नहीं किस रोटेशन में बिजली काटेंगे, इसका पूरा प्लान तैयार करके सरकार को दें. इसके बाद इस प्लान की जानकारी बिजली कंपनियां मीडिया और विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को भी दें.   

आदेश का उल्लंघन पड़ेगा भारी
इन सभी निर्देशों को लेकर बिजली मंत्री ने ये हिदायत भी दी है कि अगर इनमें से किसी भी निर्देश को पालन नहीं किया गया, तो आदेश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. बिजली मंत्री के ऐसे निर्देशों को देखते हुए तो खैर इतना अनुमान लगाया ही जा सकता है कि इस बार गर्मियों में बिजली कटौती से कुछ न कुछ तो राहत मिलेगी ही.

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