नई दिल्ली (एएनआई)। कोरोना वायरस के तीसरी लहर को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने सोमवार को देश भर की राज्य सरकारों से अपील करते हुए कि वे काेविड-19 के खिलाफ अपने सुरक्षा मानकों में ढ़ील न करें। महामारी की तीसरी लहर निश्चित और नजदीक है। इसलिए राज्य सरकारों को निश्चिंत नहीं होना चाहिए। इस दिशा में सख्ती बरतने की जरूरत है। आईएमए ने कहा कि टीकाकरण को अधिकतम संभव आबादी तक पहुंचाकर और कोविड नियमों को सख्ती से अपनाकर तीसरी लहर के प्रभाव को कम किया जा सकता है। डाॅक्टर्स के संगठन आईएमए ने कहा कि उपलब्ध वैश्विक साक्ष्य और महामारी के इतिहास के साथ तीसरी लहर अपरिहार्य और आसन्न है।

सरकारें और जनता ढिलाई कर रही

आईएमए ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सक्रिय नेतृत्व और डाॅक्टर्स व हेल्थवर्कर्स की वजह से भारत सचमुच कोविड महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर से बाहर निकल रहा है। हालांकि यह जिक्र करना दुखद है कि इस वक्त में जब हर किसी को तीसरी लहर की संभावना घटाने के लिए काम करने की जरूरत है, देश के कई हिस्सों में सरकारें और जनता ढिलाई कर रही है।

लोग सामूहिक समारोहों में लगे हुए

सभी लोग कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन किए बगैर सामूहिक समारोहों में लगे हुए हैं। आईएमए ने कहा पर्यटकों का आगमन, तीर्थयात्राएं और धार्मिक उत्साह, ये सभी जरूरी हैं लेकिन कुछ महीने इंतजार किया जा सकता है। संगठन ने कहा कि इनकी परमीशन देना और लोगों को बिना वैक्सीन के इस भीड़ में शामिल होने देना कोविड की तीसरी लहर में सुपर स्प्रेडर जैसा काम करेगा।

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