नई दिल्ली (पीटीआई)। बृहस्पतिवार शाम एक बैठक के बाद दोनों देशाें के विदेश मंत्री एक समझौते पर राजी हो गए। बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग वी से बातचीत की। सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत की ओर से पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारी संख्या में चीनी सैनिकों की तैनाती का मुद्दा उठाया गया और इस पर चिंता जताई गई। शुक्रवार को सूत्रों ने बताया कि चीन सैनिकों के जमावड़े को लेकर कोई उचित कारण नहीं बता सका।

एक सप्ताह में दोनों देशों के बीच दूसरी शिखर वार्ता

जयशंकर और वांग ने मास्को में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) से इतर एक बैठक की। पिछले एक सप्ताह में दोनों देशों के बीच यह दूसरी शिखर वार्ता थी। दोनों नेताओं में ढाई घंटे तक बातचीत हुई। इससे पहले एससीओ मीटिंग से इतर भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अपने चीनी समकक्ष जनरल वी फेंग से मुलाकात कर चुके हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सीमा पर वर्तमान तनाव खत्म करने के लिए दोनों देश पांच सूत्रीय एक समझौते पर सहमत हो गए हैं।

दाेनाें देश की सेना रहेगी एकदूसरे से पर्याप्त दूरी पर

इस साल मई की शुरुआत से भारतीय सेना चीनी पिपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं। सोमवार को एलएसी पर पिछले 45 सालों में पहली बार हवा में फायरिंग की गई। इसके लिए दोनों ने एकदूसरे पर आरोप लगाए हैं। इसके इतर दोनों देश एलएसी से तुरंत सैन्य जमावड़ा खत्म करने पर रोजी हो गए हैं। दोनों देश की सेनाएं एकदूसरे से पर्याप्त दूरी बनाकर रहेंगी और सीमा प्रबंधन और समझौतों का पालन करेेंगी।

खुलकर रचनात्मक माहौल में हुई मंत्रियों की बातचीत

शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने एक संयुक्त बयान जारी करके पांच सूत्रीय रोडमैप पर सहमत होने की बात कही। उसमें कहा गया है कि दोनों देश के मंत्रियों में खुलकर रचनात्मक माहौल में बातचीत हुई। दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पर वर्तमान हालात किसी के भी हित में नहीं है। दोनों इस बात पर राजी हैं कि सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच बातचीत जारी रहनी चाहिए, तुरंत सैन्य जमावड़ा खत्म करना चाहिए और सेनाएं एकदूसरे से पर्याप्त दूरी बनाकर रहें ताकि एलएसी से तनाव खत्म किया जा सके।

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