वैसे तो अनइम्पलॉयमेंट की प्रॉब्लम इंडिया में कोई नई बात नहीं हैं. मगर इसके जो आंकड़े सामने आए हैं उन्होंने जरूर यहां के पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस ने जो अपनी रिपोर्ट पेश की है उसमें यह खुलासा हुआ है कि देश में लगभग 7 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके पास या तो बिल्कुल काम नहीं है या फिर वे अंडर इम्पलॉयड हैं. ये आंकड़े साल 2009-10 के हैं.

राज्य सभा में पेश हुई रिपोर्ट

लेबर एंड इम्पलॉय मिनिस्टर मल्लिकार्जुन खागड़े ने राज्य सभा में बताया कि देश में 95 लाख युवा ऐसे हैं जिनके पास बिल्कुल रोजगार नहीं है. जबकि 6 करोड़ से भी ज्यादा लोग ऐसे में जो अंडर एम्पलॉयड हैं. यानिकि उनके पास जरूरत और हुनर के हिसाब से कम काम है. उन्होंने कहा कि गवर्नमेंट इस फिगर को कंट्रोल करने के लिए एफर्ट कर रही है.

Slowdown effect in Market

जहां एक तरफ अनएम्पलॉयमेंट की प्रॉब्लम है वहीं इस बार मंदी का असर भी दिखाई दे रहा है. इस बार कपंनियों ने पिछले साल की तुलना में रिक्रयूटमेंट कम किए हैं. ऑनलाइन जॉब साइट के सर्वे में यह बात सामने आई है कि इस साल कंपनियों ने अपने जॉब ऑफर में कटौती की है. आईटी और सॉफ्टवेयर सेक्टर में इस बार 5 परसेंट की कमी आई है. ऑनलाइन जॉब साइट नौकरी डॉट कॉम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टेलीकॉम, ऑटो और इंश्योरेंस जैसे सेक्टर में भी जॉब के चांस कम हुए हैं.

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