नई दिल्ली (रायटर)। 15 अप्रैल को लॉकडाउन के बाद देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार कुछ मैन्युफैकिचरिंग यूनिट्स को फिर से शुरू करने के बारे में सोच रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि लॉकडाउन की अवधि और बढ़ सकती है हांलाकि इससे आर्थिक दवाब और ज्यादा बढ़ जायेगा। इसके बावजूद सरकार को लगता है कि लॉकडाउन में रह रहे 1.3 बिलियन देश वासियों की सुरक्षा के लिए इस पीरियड का बढ़ना जरूरी है। खासतौर पर जब कोरोनोवायरस के पॉजिटिव केसेज का आंकड़ा 9,152 को पार गया है और इससे होने वाली मौतों की संख्या भी सोमवार को 308 हो गई है।

गरीबों की आजिविका भी जरूरी

ऐसे में कुछ सूत्रों से पता चला है कि प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से कुछ उद्योगों को चिन्हित करने और ऐसी योजनाओं को तैयार करने के लिए कहा है जिससे गरीब तबके के लोगों की आजीविका का इंतजाम किया जा सके। इन व्यवसायों को सरकार कुध नियम और शर्तों के साथ चालू करने का प्रयास करेगी। हांलाकि व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया और सरकार के प्रमुख प्रवक्ता के.एस. धतवालिया ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया पर कुछ सूत्रों ने अपनी पहचान जाहिर ना करने की शर्त पर बताया है कि इन योजनाओं की पहचान किए जाना जरूरी है।

इन उद्योगों में शुरू हो सकती है मैन्युफैक्चरिंग

इस बीच एक पत्र का जिक्र करते हुए रायटर ने बताया कि मंत्रालय ने जिन मैन्युफैकिचरिंग यूनिटस को शुरू करने की सिफारिश की है उनमें ऑटो, कपड़ा, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और कुछ अन्य क्षेत्र शामल हैं। मंत्रालय ने लेटर में ग्रह मंत्रालय से कहा है कि इन स्थानों पर शिफ्ट्स घटा कर और कम कर्मचारियों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के अनुसार काम करने की अनुमति दी जा सकती है।

एक हफ्ते में आ सकते है नए नियम

उद्योग विभाग से एक अधिकारी के अनुसार इस बारे में गृह मंत्रालय और प्रधान मंत्री कार्यालय के चर्चा करने के बाद एक हफ्ते में अंतिम फैसला आने की संभावना है। ये भी पता चला है कि मंत्रालय जल्द ही अन्य क्षेत्रों में भी आंशिक बहाली की अनुमति देने की योजना पर भी जल्दी काम शुरू करने के लिए कहा है। कहा जा रहा है कि कोरोनावायरस के हमले के बाद भारत की अर्थव्यवस्था, जो पहले से ही सबसे धीमी गति से बढ़ रही थी और भी प्रभावित हुई है। अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि लॉकडाउन के बीच बेरोजगारी रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ सकती है।

National News inextlive from India News Desk