कैसे बढ़ेगा यह मार्केट
KPMG-FICCI ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसके मुताबिक, आर्थिक परिप्रेक्ष्य के मद्देजर FMCG और रिटेल सेक्टर काफी आगे बढ़ने वाले हैं। जिस तरह से कंज्यूमर गुड्स का कंजम्शन बड़ रहा है ऐसे में आने वाला समय इन मार्केट को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा। हालांकि इसमें जीडीपी का रोल भी काफी अहम होगा। जीडीपी के स्ट्रांग रहने से मार्केट की चाल में और तेजी आ जाएगी। लोगों की बढ़ती इनकम और शहरीकरण के चलते तकरीबन 1.29 बिलियन कंज्यूमर्स और जुड़ जाएंगे।

कुछ चैलेंजेस का करना होगा सामना

जैसा कि माना जाता है कि हर बड़े लक्ष्य के पीछे कुछ चैलेंजेस भी होते हैं। ऐसे में कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री के सामने भी कुछ चुनौतियां हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि, भारत भले ही दुनिया का सबसे बड़ा कृषि उत्पादक देश हो, इसके बावजूद भारत में फूड प्रोसेसिंग लेवल काफी कम है। भारत में हर साल लगभग 40 परसेंट खाद्यान्न का नुकसान हो जाता है। क्योंकि यहां एग्रीकल्चरल में सरकारी खरीद और सप्लाई में काफी खामियां हैं। इसके अलावा भारतीय मार्केट में FMCG प्रोड्क्ट्स की डिमांड भले ही बहुत ज्यादा हो लेकिन मॉर्डन रिटेलर आज भी टियर 1 सिटीज से काफी दूर हैं।

'मेक इन इंडिया' का क्या होगा असर

इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि, मेक इन इंडिया का इस इंडस्ट्री में अहम रोल हो सकता है। कंज्यूमर गुड्स के मैन्यूफैक्चर के लिए तीन चीजें आवश्यक होती हैं। पहला- रॉ मैटेरियल एवेबिलिटी, दूसरा- लेबर एवेबिलिटी और तीसरा-कीमत का टकराव। हालांकि यह तीनों ही भारत में उपलब्ध हैं लेकिन यहां पर उचित इंफ्रास्ट्रक्चर और रेगुलेटरी बिजनेस इनवॉयरमेंट इतना कॉस्टली है कि कंपनियां उत्पादन से पहले कई बार सोचेंगीं।

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